क़ुरान हिन्दूओ पर? (Koran on Hindus?)

English version: Koran on Hindus?

क़ुरान हिन्दूओ पर
अगर आप मुस्लमान परिवार में विवाह करना चाहती हैं तो जाने क्या कहती हैं क़ुरान हिन्दूओ के लिए

कुरान के कई अध्यायों में ईसाइयों और यहूदियों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है, लेकिन कुरान में “हिंदू” शब्द का कोई प्रत्यक्ष उल्लेख नहीं मिलता है। हालाँकि, अधिकतर हिंदुओं की तरह, अगर आप भी उन लोगों में से हैं जो…
* ईश्वर के कई रूपों में विश्वास करते हैं,
* अल्लाह के साथ ईश्वर के अन्य नामों को जोड़ते हैं (उदाहरण के लिए, अगर आप ईश्वर अल्लाह तेरो नाम गाते हैं),
* और आप एक मूर्ति या तस्वीर को पूजते हैं,
* किसी भी प्रकार के हिंदू अनुष्ठान करते हैं (उदाहरण के लिए पूजा),
* अगर आप नहीं मानते कि पृथ्वी छह दिनों में बनाई गई थी,
* अगर आप कयामत के दिन पर विश्वास नहीं करते,
* कुरान में बताई गई इस्लामी प्रथाओं को नहीं मानते,
…तो आप कुरान के अनुसार “नास्तिक” हैं।

नास्तिकों के बारे में कुरान में जो कहा गया है, उसे “जैसा है,” वैसे ही बिना किसी टिप्पणी या व्याख्या के यहाँ सूचीबद्ध किया गया है। हो सकता है कि धार्मिक शास्त्र कुछ और बात कहते हों, लेकिन एक व्यक्ति इसकी व्याख्या अपने शास्त्रों की समझ के आधार पर कर सकता है (विशेषज्ञों की राय के लिए, विनोद कुमार और सैयद शहाबुद्दीन को पढ़ें)।

वास्तव में, एक अंतरधार्मिक जोड़े के लिए, यह पति-पत्नी के धर्मग्रंथ नहीं हैं, बल्कि उस व्यक्ति की व्यक्तिगत आस्था और विश्वास है जो मायने रखता है। अगर आप एक रिश्ते में हैं, तो पता करें कि क्या आपके (मुस्लिम) पति या पत्नी और उनका परिवार आपको एक हिंदू, “जैसा कि आप हैं” के रूप में स्वीकार करने के लिए तैयार है या फिर वे आपको शादी से पहले इस्लाम धर्म के अनुसार “आस्तिक” बनाने की इच्छा रखते हैं, जिसकी शुरुआत शहादा की शपथ (इस्लाम में रूपांतरण) से होती है।

यह आपके बाकी जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण मामला है; इससे पहले कि आप एक गंभीर रिश्ते में शामिल हो, जो एक अंतरधार्मिक विवाह हो सकता है। अपने प्रेमी या प्रेमिका (होने वाले पति-पत्नी) से उनके विचारों को पूछें और पता करें कि इस विषय पर उनकी क्या राय है।

कुरान: प्रेषक: एन जे दाऊद, कुरान, पेंगुइन बुक्स के अनुसार। (भगवान = अल्लाह की जगह)

2:5 नास्तिकों के लिए माना गया है, चाहे आप उन्हें आगाह करें या नहीं; उन्हें विश्वास नहीं होगा। अल्लाह ने जैसे दिल और कान पर सील लगा दी है; उनकी दृष्टि मंद हो गई है और उन्हें सज़ा का इंतज़ार है।

2:22 जानबूझकर अल्लाह के साथ अन्य देवताओं को स्थापित न करें।

2:23 आप जो कहते हैं, अगर वो सच है तो अपने भगवान को आवाज़ दें. लेकिन अगर आप असफल हो जाते हैं (जैसा कि होना तय है), तो अपने आप को आग में जलने से बचाने के लिए तैयार रहें|

2:98 अल्लाह नास्तिकों का दुश्मन है।

2:105 नास्तिकों को ऐसी सज़ा मिलेगी जिससे उन्हें बहुत शोक होगा|

2:126 मैं उन्हें (अल्लाह और कयामत के दिन को न मानने वालों) को थोड़ी देर जीवित रहने दूंगा और फिर उन्हें आग में चाबुक से पीटते हुए ले जाऊँगा: बुरी किस्मत।

2:178 आस्तिकों, रक्तपात में तुम्हारे लिए प्रतिशोध का फैसला सुनाया गया है: एक स्वतंत्र आदमी के लिए एक स्वतंत्र आदमी, एक दास के लिए एक दास, और एक महिला के लिए एक महिला। जो अपने दुखी भाई द्वारा क्षमा किया जाता है, उस पर उपयोग के अनुसार मुकदमा चलाया जाएगा और उसे जुर्माना देना होगा। यह आपके अल्लाह की दयालुता है| तत्पश्चात होने वाले अपराधों की कड़ी सज़ा दी जाएगी।
समझदार आदमी! प्रतिशोध के रूप में आपके पास अपने जीवन की रक्षा करने का मौका है; आप स्वयं को बुराई से बचा सकते हैं।

** 2:191, जहाँ भी आप उन्हें देखें उनकी हत्या कर दें । उन स्थानों से बाहर निकालें जहाँ पर उन्होंने आपको निकाला था। रक्तपात की तुलना में मूर्तिपूजा ज़्यादा संगीन अपराध है।

** 2:193 जब तक मूर्ति पूजा बंद नहीं होती और अल्लाह का धर्म सर्वोच्च नहीं होता, तब तक उनके खिलाफ लड़ो।

2:216 लड़ना आपके लिए उतना ही ज़रूरी है, जितना आप इसे नापसंद करते हैं।

2:217 मूर्तिपूजा रक्तपात से ज़्यादा गंभीर अपराध है।

** 2:221 आपको मूर्तिपूजा करने वाली महिलाओं से तब तक शादी नहीं करनी, जब तक वह आपके धर्म को न अपनाएँ। अल्लाह में विश्वास करने वाली एक दास लड़की, किसी मूर्तिपूजा करने वाली लड़की से बेहतर है|।

3:19 अल्लाह की नज़र में एकमात्र सच्चा धर्म इस्लाम है। (क्या महात्मा गांधी और मदर टेरेसा कयामत के दिन स्वर्ग जा सकेंगे?)

3:27 अल्लाह को मानने वालों को काफ़िरों के साथ दोस्ती मत करने दो ताकि वे धर्म के रास्ते से न भटकें।

* 3:118 अल्लाह को मानने वालों, अपने धर्म के अलावा किसी और धर्म के लोगों से दोस्ती मत करो। वह तुम्हें भ्रष्ट करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। वह तुम्हारी बर्बादी के अलावा कुछ नहीं चाहते।

3:73 अपने धर्म का पालन करने वालों को छोड़कर किसी पर भी विश्वास मत करो।
3:85 वह जो इस्लाम के अलावा किसी अन्य धर्म को चुनता है, उसे अल्लाह स्वीकार नहीं करेगा और दुनिया में आने वाले समय में वह निश्चित रूप से हारे हुए लोगों में शामिल होगा।

** 3:151 अल्लाह को न मानने वालों के दिलों में हम आतंक भर देंगे। वह अल्लाह के अलावा अन्य देवताओं की सेवा करते हैं जिनके लिए अल्लाह ने कोई मंज़ूरी नहीं दी है। उनके घर जल कर राख हो जाएँगे; बुराई वास्तव में बुराई करने वालों में होती है।

4:49 अल्लाह उन लोगों को माफ़ नहीं करेगा जो उसके अलावा अन्य देवताओं की पूजा करते हैं; लेकिन वह उन लोगों को माफ़ कर देगा जो उसे मानते हैं। वह कोई भी जो अल्लाह के अलावा अन्य देवताओं की सेवा करता है, वह एक जघन्य पाप का दोषी है।

** 4:56 जो हमारे दावे से इनकार करते हैं, हम उन्हें आग में जला देंगे। जितनी जल्दी उनकी खाल जलेगी, उतनी जल्दी हम उन्हें दूसरी खाल देंगे (to burn again), ताकि उन्हें अल्लाह को न मानने पर मिलने वाली तकलीफ़ का पता चल सके।

4:89 अल्लाह को न मानने वालों से तब तक दोस्ती मत करो जब तक कि वह अल्लाह के लिए अपने घरों से निकले। अगर वो तुम्हें रोकने की कोशिश करें तो उन्हें रोको और जहाँदिखें वहीं मार डालो। जो अल्लाह की शरण में आजाएँ, उसे छोड़कर बाकी किसी को भी अपना दोस्त और मददगार मत मानो।

** 4:91 …जो अल्लाह को नहीं मानते उन्हें पकड़ लो और जहाँ दिखे वही मार डालो। इसके लिए हम आपको पूरा अधिकार देते हैं।

4:92 अल्लाह पर विश्वास करने वाले किसी (believer, Muslim) व्यक्ति को मारना गुनाह है।

4:93 अगर कोई अल्लाह को मानने वाले को मारता है तो वह हमेशा नर्क की आग में जलेगा। वह अल्लाह के प्रकोप का भागी बनेगा, अल्लाह उसे श्राप देगा और उसकी चाबुक से भयानक पिटाई भी तय है।

4:102 अल्लाह ने अपने को न मानने वालों के लिए एक खतरनाक सज़ा का एलान किया है।

4:116 अल्लाह बाकी सब जुर्मों के लिए माफ़ कर सकता है, लेकिन मूर्ति पूजा करने वालों को कभी माफ़ नहीं करेगा।

5:90 अल्लाह को मानने वालों, शराब और नशा, मूर्तियाँ और चमत्कार जैसी चीज़ें शैतान द्वारा रचित चीज़ें हैं।

6:1 अल्लाह को न मानने वालों ने अन्य देवताओं को अपने अल्लाह के बराबर स्थापित किया।

6:12 अल्लाह आप सभी को कयामत के दिन इकट्ठा करेगा: यह वह दिन है जिसपर संदेह नहीं करना चाहिए।

6:23 कयामत के दिन हम उन सभी को एक साथ इकट्ठा करेंगे। हम मूर्तिपूजा करने वालों से कहेंगे: “अब तुम्हारी मूर्तियाँ कहाँ हैं, जिनको तुमने अपने भगवान होने का दावा किया है?” तब उनके पास बोलने के लिए कुछ नहीं होगा, वह सिर्फ़ यही कहेंगे: “भगवान कसम, हमने कभी मूर्तियों की पूजा नहीं की है।”

6:115 सच और न्याय आपके अल्लाह के शब्द हैं। कोई भी उसके शब्दों को बदल नहीं सकता है।

6:150 आप उसके अलावा किसी अन्य देवता की सेवा नहीं करेंगे।

6:153 मेरा रास्ता सीधा है। इसका पालन करें और अन्य रास्तों पर न चलें, क्योंकि वह आपको अल्लाह से दूर ले जाएंगे । वह इस प्रकार आप को प्रेरित करता है, ताकि वह आप को उससे दूर ले जाए।

7:54 और 10:3 आपका भगवान अल्लाह है, जिसने छह दिनों में आकाश और पृथ्वी की रचना की और सिंहासन पर चढ़ा।

8:12 अल्लाह ने फ़रिश्तों के प्रति अपनी इच्छा जताई और कहा: “मैं तुम्हारे साथ रहूंगा । आस्तिकों को हिम्मत दो। मैं काफ़िरों के दिलों में आतंक भर दूंगा। उनके सिर पर प्रहार करो, उनकी उँगलियाँ तोड़ दो!”

8:39 जब तक मूर्ति पूजा बंद नहीं होती और अल्लाह का धर्म सर्वोच्च नहीं होगा, तब तक उन पर हमला करो।

8:19 अल्लाह को न मानने वालों को कभी भी यह न सोचने दें कि वह सज़ा से बच जाएंगे । उनके पास बचने की शक्ति नहीं है। उन सभी लोगों के खिलाफ एकजुट हो जाओ ताकि आप अपने और अल्लाह के दुश्मनों को भयभीत कर सको।

9:4 अल्लाह में विश्वास न रखने वालों को ऐसी सज़ा सुनाओ कि उनका हृदय दुःख से भर जाए, केवल ऐसे मूर्तिपूजकों को छोड़ दो जिन्होंने तुम्हारे साथ मित्रता की और तुम्हारे खिलाफ कभी कोई काम नहीं किया।

** 9:5 जब पवित्र महीने (जैसे मुहर्रम) खत्म होने के बाद जहाँ कहीं भी मूर्तिपूजा करने वाले दिखें उन्हें गिरफ्तार करो, घेर लो, और उन्हें मार डालो।

9:14 अल्लाह को न मानने वालों के ख़िलाफ़ हमला करो: अल्लाह उन्हें तुम्हारे हाथों से दंड दिलाएगा। अल्लाह आपको उन पर विजय दिलाएगा और ऐसा करने से वह आपको धर्म के प्रति ईमानदार बनाए रखेगा|।

* 9:23 अल्लाह को मानने वालों यह याद रखों यदि आपके पिता या भाइयों ने अल्लाह को नहीं चुना तो उनके साथ भी दोस्ती मत रखो। ऐसे लोग भी गलत कृत ही करेंगे जो उनसे दोस्ती करेंगे|।

* 9:27 आस्तिकों, जानते हो कि मूर्तिपूजा करने वाले अशुद्ध हैं।

9:29 उन लोगों के खिलाफ लड़ो, जिन्हें न तो शास्त्रों पर न तो अल्लाह पर और न ही कयामत के दिन पर विश्वास है।

9:33 सच्चा विश्वास वह होता है अल्लाह अपने अनुयायियों को सभी धर्मों से ऊपर लेजाएगा, हालाँकि मूर्तिपूजक इससे घृणा करते हैं।

** 9:62 वह तुम्हें खुश करने के लिए अल्लाह के नाम पर (शहादा) की कसम खाते हैं। अगर वह सच्चे ईमान वाले हैं तो उन्हें अल्लाह और रसूल को खुश करना चाहिए।

9:73 पैगंबर, नास्तिकों और पाखंडी लोगों पर हमला करो और उनके साथ सख्ती से पेश आओ । नर्क उनका घर होगा: दुष्ट भाग्य।

9:113 यह पैगंबर या आस्तिकों के लिए नहीं है कि वह मूर्तिपूजा के लिए क्षमा माँगें, भले ही वे उनसे संबंधित हों, अगर उन्हें मूर्तिपूजा करते हुए पाया जाता है तब तब उनका नर्क में सज़ा पाना जाना निश्चित है| सज़ा

10:36 यह कुरान अल्लाह के अलावा किसी और के द्वारा तैयार नहीं किया जा सकता था।

10:45 वह दिन आएगा जब अल्लाह उन सभी को इकट्ठा करेगा| वह एक-दूसरे के साथ खुद को परिचित करेंगे। हारने वाले वह होंगे जो अल्लाह से मिलने और सही रास्ते पर चलने के लिए मना करेंगे|

10:66 जो अल्लाह के अलावा अन्य देवताओं की सेवा करते हैं, वह बेकार की बातों का अनुसरण करते हैं और झूठ के अलावा कुछ नहीं बोलते हैं।

13:6 यह वह लोग हैं जो अपने भगवान को नहीं मानते हैं। उनकी गर्दन जंजीरों से बंधी होगी। वह आग में जलेंगे और हमेशा परेशान रहेंगे।

13:14 जिन मूर्तियों के सामने मूर्तिपूजक प्रार्थना करते हैं, वह उन्हें कोई जवाब नहीं देती हैं।

14:30 उन्होंने झूठे भगवानों को अल्लाह के समक्ष स्थापित किया ताकि लोगों को अल्लाह के रास्ते से दूर किया जाए। उनसे कहो: “अभी सुख ले लो; लेकिन तुम्हें निश्चित रूप से आग में जलना है।”

15:2 वह दिन निश्चित रूप से आएगा जब अल्लाह को न मानने वाले लोग चाहेंगे कि काश वह भी मुसलमान होते। उन्हें दावत खाने और हँसने दो; और उनकी आशाओं को उन्हें धोखा देने दो। वह अवश्य सीखेंगे।

16:36 हमने हर समुदाय में ईश्वर का एक दूत भेजा और कहा: “अल्लाह की सेवा करो और झूठे देवताओं से दूर रहो।”

17:16 जब हम किसी शहर को उजाड़ने का संकल्प लेते हैं, तो हम सबसे पहले उन लोगों को चेतावनी देते हैं जो आराम से रह रहे हैं। फिर भी वो अगर पाप के भागीदार बने रहते हैं, तो फैसला हो जाता है और फिर शहर को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया जाता है।

18:29 अधर्मियों के लिए हमने ऐसी आग तैयार की है जो तंबू की दीवारों की तरह उन्हें घेर लेगी। जब वह मदद के लिए चीखेंगे तो उनके ऊपर पिघले हुए पीतल के जितना गर्म पानी डाला जाएगा ताकि उनका चेहरा झुलस जाए।

20:97 जिस मूर्ति की आपने इतनी श्रद्धा के साथ पूजा की उसे निहारो: हम इसे जलाकर राख कर देंगे और इसकी राख को समुद्र में दूर-दूर तक बिखेर देंगे।

21:21 क्या उन्होंने पृथ्वी के देवताओं को चुना है? और क्या ये देवता मृतकों को जीवनदान दे सकते हैं? क्या स्वर्ग या पृथ्वी पर अल्लाह के अलावा अन्य देवता थे? नहीं क्योंकि अगर ऐसा होता तो स्वर्ग और पृथ्वी दोनों बर्बाद हो जाते। अल्लाह इन सब झूठों से ऊपर हैं, अल्लाह सिंहासन के भगवान हैं।

21:43 क्या उनके बचाव के लिए अन्य देवता हैं? उनकी मूर्तियाँ स्वयं का उद्धार करने में भी शक्तिहीन हैं और न ही इन्हें हमारी प्रताड़ना से बचाया जाएगा।

21:66 उसने जवाब दिया: “क्या तुम अल्लाह की बजाय उस की पूजा करोगे, जो न तो तुम्हारी मदद कर सकता है और न ही तुम्हें नुकसान पहुँचा सकता है? आप और आपकी मूर्तियों पर शर्म आती है! क्या आप में दिमाग नहीं है?

21:97 तुम और तुम्हारी मूर्तियाँ नर्क में जाएँगी ।

** 22:19 अल्लाह को न मानने वालों के लिए आग के वस्त्र तैयार किए गए हैं। उन पर इतना गर्म पानी डाला जाएगा कि उनके सिर से लेकर नीचे तक सारी खाल पिघल जाए। उन्हें लोहे की छड़ों से पीटा जाएगा। दुख तकलीफ़ में जब भी वह नर्क से भागने की कोशिश करेंगे, तो उन्हें वापस खींच लिया जाएगा, और कहा जाएगा: “आग में जलने का मज़ा लो!”

23:73 आपने उन्हें एक सही रास्ते पर बुलाया है, लेकिन जो लोग कयामत के दिन को अस्वीकार करते हैं, वह कभी भी सही रास्ते पर नहीं आ पाएँगे । अगर हमने दया दिखाई और उनके दुर्भाग्य को दूर किया, तो वे पाप में बने रहेंगे और कभी सही रास्ते पर नहीं आएँगे । हमने उन्हें दंडित किया, लेकिन उन्होंने न तो अपने भगवान से प्रार्थना की और न ही उसके सामने विनम्र हुए। और जब हमने उन्हें भयानक सज़ा दी, तो उनमें निराशा उत्पन्न हो गई।

23:118 वह जो अल्लाह के अलावा किसी ऐसे भगवान को मानता है—जिसकी दिव्यता का उसके पास कोई सबूत नहीं है—उसका भगवान उससे सवाल पूछेगा। अल्लाह को न मानने वाले कभी समृद्ध नहीं होंगे।

25:3 फिर भी नास्तिक लोग अल्लाह के अलावा ऐसे भगवान की सेवा करते हैं, जिनके पास कोई शक्ति नहीं है और जिन्हें खुद किसी और ने बनाया है: जो न तो खुद की मदद कर सकते हैं और न जीवन-मृत्यु पर उनका कोई अधिकार है।

25:50 अल्लाह को न मानने वालों की बात मत मानो और पूरी ताकत के साथ उनसे लड़ो।

25:56 फिर भी अगर वे मूर्तियों की पूजा करते हैं, जो उनकी कोई मदद नहीं कर सकतीं, तो निश्चित रूप से अविश्वासी, अल्लाह का दुश्मन है।

27:4 उन लोगों के लिए, जो आने वाले कयामत के दिन से इनकार करते हैं, हमने उनके बुरे कामों के लिए न्याय किया है, अब वे सही रास्ते से हमेशा भटकते रहेंगे। ये वे लोग हैं जिन्हें कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाएगी और भविष्य में इनका सबकुछ लुट जाएगा।

30:16 जब कयामत का दिन आएगा तो मानव जाति बंट जाएगी। जिन लोगों ने आस्था को गले लगाया है और अच्छे काम किए हैं वह एक खूबसूरत बगीचे में आनंद में रहेंगे; लेकिन जिन लोगों ने हम पर विश्वास नहीं किया और हमारे दावों और आने वाले जीवन को अस्वीकार किया, उन्हें सज़ा दी जाएगी।

34:35 हम अल्लाह को न मानने वालों के गले में जंजीरें डालेंगे। उनके कर्मों के हिसाब से उनको सज़ा दी जाएगी।

** 36:7 हमने उनकी गर्दन को लोहे की जंजीरों से जकड़ दिया है, ताकि वह सिर न झुका सकें। हमने उनके आगे और पीछे ऐसे अवरोध खड़े कर दिए हैं कि उनको और कुछ दिखाई ही न दे।

36:69 हमने मोहम्मद को कोई कविता नहीं सिखाई है और न ही इससे वह कवि बनेगा। यह एक चेतावनी है उन लोगों को समझाने के लिए जो अल्लाह को नहीं मानते| अल्लाह को न मानने वालों के लिए कड़ी सज़ा बताई गई है।

40:71 वह लोग, जिन्होंने कुरान को अस्वीकार किया और अल्लाह के भेजे गए दूत की बात को नहीं माना, वे भी सीखेंगे जब: उनके गले में लोहे की जंजीरें बांधी जाएँगी और उनपर गर्म पानी डालकर उनकी चमड़ी को पिघलाया जाएगा और फिर नर्क की आग में जलाया जाएगा।

41:17 कुछ मनहूस दिनों में, हम उन्हें मुश्किल समय में परेशान होने देते हैं ताकि उन्हें अपने कर्मों के लिए मिलने वाली सज़ा का अहसास हो; लेकिन उनको इससे भी ज़्यादा भयंकर सज़ा भविष्य में मिलेगी। उस समय मदद के लिए कोई उनके पास नहीं होगा।

41:26 हम अल्लाह को न मानने वालों को कड़ी से कड़ी सज़ा देंगे, और उन्हें उनके बुरे कर्मों का जवाब दिया जाएगा। इस तरह अल्लाह के दुश्मनों से बदला लिया जाएगा। उनके घर आग से तबाह हो जाएँगे क्योंकि उन्होंने हमारे दावे से इनकार किया है। नास्तिक लोग कहेंगे: “अल्लाह हमें उन लोगों के बारे में बताएँ जो हमें भटकाते हैं। हम उन्हें अपने पैरों के नीचे रौंद देंगे।” जो लोग मानते हैं कि उनका भगवान अल्लाह है और वो अल्लाह के दिखाए रास्ते पर ही आगे बढ़ते हैं, फ़रिश्ते ऐसे लोगों के लिए खुद नीचे उतर कर आते हैं।

42:18 जो लोग कयामत के दिन पर संदेह करते हैं वह भटक गए हैं।

42:21 अल्लाह ने जिसकी इजाज़त नहीं दी है, क्या वे ऐसा कोई काम कर रहे हैं? क्या अब तक फैसला सुनाया नहीं जा चुका, उनका भविष्य खत्म हो चुका है? अल्लाह को न मानने वालों के लिए भयंकर सज़ा इंतज़ार कर रही है।

42:22 आप देखेंगे कि गलत काम करने और अल्लाह को न मानने वालों को हम कैसे भयंकर सज़ा देंगे। लेकिन जो लोग विश्वास करते हैं और अच्छे काम करते हैं, वह स्वर्ग के खूबसूरत बगीचों में रहेंगे।

42:23 मैं आपसे सिर्फ़ अपने लोगों से (to believers) प्यार करने के लिए कहता हूँ ।

43:24 खुदा के सभी फरिश्तों ने कहा है, “कैसा रहेगा अगर मैं आपको आपके पिता के धर्म से ज़्यादा अच्छा धर्म हूँ?” लेकिन उन्होंने जवाब दिया: “हम आपके द्वारा भेजे गए संदेश को अस्वीकार करते हैं।” तो हम उनसे प्रतिशोध लेते हैं। उन लोगों के भाग्य पर विचार करें जिन्होंने अविश्वास किया था।

** 44:43 तलछट के तेल की तरह, जला देने वाले पानी की तरह, यह उसके पेट में खौलेगा। रोने की आवाज़ आएगी: “उसे पकड़ लो और नर्क की गहराई में डालो। फिर उसके सिर पर खौलता हुआ पानी डालो और कहो: “अब भुगतो, प्रसिद्ध और सम्मानजनक आदमी! यह अल्लाह को न मानने की सज़ा है।” “जो लोग अल्लाह को मानते हैं उन्हें बगीचों और फव्वारों के आसपास शानदार जगह पर रखा जाएगा। इतना ही नहीं, अल्लाह को मानने वालों को स्वर्ग की सुंदर परियाँ भी मिलेंगी।

45:11 ऐसा हमारा मार्गदर्शन है। जो लोग अपने अल्लाह की बातों से इनकार करते हैं, उन्हें ऐसी सज़ा मिलेगी जिससे सबका दिल दहल जाएगा|

46:5 जो आदमी ऐसी मूर्तियों से प्रार्थना करता है, जो कयामत के दिन तक भी उसकी नहीं सुनेगी, उससे ज़्यादा गलत और कोई नहीं हो सकता है।

47:3 अल्लाह को न मानने वाले लोग झूठ का अनुसरण करते हैं।

** 47:4 जब आप युद्ध के मैदान में अल्लाह को न मानने वालों से मिलेंगे तब उनके सिर पर प्रहार करना और जब आप उन्हें नीचे गिरा दो, तो अपने बंदियों को मजबूती से जकड़ लेना। आपको ऐसा करना है। अगर अल्लाह चाहता तो वह खुद उन्हें दंडित कर सकता था; पर वह एक दूसरे के द्वारा आपको परखना चाहता है | वह लोग जिन्होंने अल्लाह के लिए अपनी जान दे दी, अल्लाह उनके किए कामों को बेकार नहीं जाने देगा। वह उनका मार्गदर्शन करेगा और उनके साम्राज्य का विस्तार करेगा; वह उन्हें जन्नत में स्वीकार कर लेगा।

47:15 क्या इनकी तुलना उन लोगों से की जाएगी जो हमेशा के लिए नर्क में रहेंगे और खौलता (boiling) हुआ पानी पीएँगे जो उनकी आँतें फाड़ देगा।

** 47:22 अगर आप विश्वास करना छोड़ देते हैं, तो आप निश्चित रूप से पाप करेंगे और खून के संबंधों का उल्लंघन करेंगे। ये वह लोग हैं जिन्हें अल्लाह ने अभिशाप दिया है, जिससे वह बहरे और दृष्टिहीन हो गए हैं।

47:34 जो लोग परमेश्वर के मार्ग से अविश्वास और त्याग करते हैं और अंत में मर जाते हैं ऐसे नास्तिकों को अल्लाह माफ़ नहीं करता। इसलिए जब अल्लाह का आशीर्वाद मिले तो बेकार के दावे न करें|

48:6 वह पाखंडियों और मूर्तिपूजको पुरुषों और महिलाओं को दंडित करेगा, जो अल्लाह के बारे में बुरे विचार रखते हैं। उसने उन्हें अपना श्राप दिया और उनके लिए नर्क की आग तैयार की: दुष्ट भाग्य।

48:13 हमने अल्लाह को न मानने वालों के लिए एक धधकती हुई अग्नि तैयार की है।

48:16 आपको एक शक्तिशाली राष्ट्र से लड़ने के लिए कहा जाएगा, जब तक कि वे इस्लाम को नहीं अपनाते।

** 48:29 मोहम्मद, अल्लाह के भेजे हुए दूत हैं। जो लोग उसका अनुसरण करते हैं वह अल्लाह को न मानने वाले लोगों के प्रति निर्दयी होते हैं लेकिन एक दूसरे पर दया करते हैं।

50:26 अल्लाह को न मानने वाले, गलत बातों के समर्थक, और हर शंकालु पापी को, जिसने अल्लाह के अलावा किसी और को भगवान के रूप में माना है, नर्क में डाल दो। यदि उसने अल्लाह के अलावा किसी और को देवता के रूप में स्थापित किया है। उस ऐसी सज़ा दो कि उसे कड़ी तकलीफ़ पहुँचे!

51:48 अल्लाह के अलावा कोई अन्य देवता को स्थापित न करें।

52:38 क्या उनकी संतान नास्तिक है?

54:48 जिस दिन उनके सिर झुकाकर उन्हें आग में घसीटा जाएगा, हम उनसे कहेंगे “नर्क की सज़ा महसूस करो!”

54:54 हमने आपके जैसे कई राष्ट्रों को नष्ट कर दिया है। क्या आप इस चेतावनी को नहीं मानते?

59:24 उनकी मूर्तियों के ऊपर अल्लाह होगा!

* 60:4 हम आपको और उन मूर्तियों को खारिज करते हैं, जिन्हें आप अल्लाह के अलावा पूजते हैं। हम आपका त्याग करते हैं: दुश्मनी और नफ़रत हमारे बीच तब तक रहेगी जब तक आप सिर्फ़ अल्लाह पर विश्वास नहीं करते।

** 60:11 अल्लाह को न मानने वाली महिलाओं के साथ अपनी शादी को तोड़ दें।

** 66: 6 ऐसा अच्छी तरह से हो सकता है, अगर वह तुम्हें तलाक देता है, ऐसा करने पर उसका भगवान उसे तुमसे बेहतर पत्नियाँ देगा, जो अल्लाह के प्रति विनम्र और विश्वास करती हों| इसके अतिरिक्त आज्ञाकारी, धार्मिक हों; इनमें दोनों तरह की लड़कियाँ शामिल होंगी, पहले से शादीशुदा और कुंवारी।

66:9 पैगंबर, अल्लाह को न मानने वालों और पाखंडियों के ख़िलाफ़ जंग करो और उनके साथ सख्ती से पेश आओ। नर्क उनका घर होगा और उनकी किस्मत बुरी होगी।

69:30 उसे गिरा कर बांध दो। उसे नर्क की आग में जला दो, फिर उसे सत्तर हाथ जितनी लंबी चेन में जकड़ो।

71:28 नूह ने कहा है: “अल्लाह, धरती पर एक भी नास्तिक को मत छोड़ो। अगर आप उन्हें छोड़ देते हैं, तो वह आपको मानने वालों को गुमराह करेंगे और पापियों और नास्तिकों को पैदा करने के अलावा और कुछ नहीं करेंगे।

** 72:13 हम में से कुछ मुसलमान हैं और कुछ गलत कार्य करते हैं। जो इस्लाम को मानते हैं वह सही रास्ते पर चलते हैं; लेकिन जो गलत करते हैं वह नर्क में सड़ते हैं।

72:20 कहो: “मैं अपने अल्लाह से ही प्रार्थना करूँगा और उसके अलावा किसी और को नहीं मानूंगा।”

76:5 अल्लाह को न मानने वालों के लिए हमने जंजीर और बेड़ियाँ तैयार की हैं। इसके अलावा जलाने वाली आग भी तैयार है।

109:1 कहो : “अल्लाह को न मानने वालों, मैं न तुम्हारी तरह पूजा करता हूँ, न तुम मेरी तरह पूजा करते हो। मैं कभी भी तुम्हारी तरह पूजा नहीं करूँगा और न ही तुम कभी भी मेरी तरह पूजा करोग । तुम लोगों का अपना धर्म है और मेरा अपना धर्म है।”

ईसाइयों और यहूदियों के लिए कुरान

ईसाई आमतौर पर मानते हैं कि उनके यीशु, ईश्वर (के पुत्र) हैं और वे इस में आस्था रखते हैं कि मोक्ष पाने और स्वर्ग जाने के लिए यीशु में विश्वास करना ही एकमात्र तरीका है। इस धारणा के विपरीत, कुरान, अल्लाह में विश्वास करना सिखाता है। मरियम के पुत्र, यीशु भगवान नहीं बल्कि भगवान के दूत थे.(4:171) अल्लाह नहीं चाहते कि वह खुद पुत्र को उत्पन्न करें! (19:34)। इसके अलावा, जो लोग कहते हैं: “भगवान ने अपने पुत्र को जन्म दिया है” एक बहुत बड़े झूठ का प्रचार करते हैं (19:88)। नास्तिक वह हैं जो कहते हैं: “मरियम का पुत्र, यीशु ही भगवान है” (5:70) और “भगवान तीन में से एक है” (5:72)। नास्तिकों को “नर्क की आग” मिलेगी। इसके अलावा, अल्लाह ने खुद को मानने वालों से कहा है… “यहूदियों और ईसाइयों से कभी भी दोस्ती मत करो।” (5:51)




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*क्या आप इस्लाम और मोहम्मद में विश्वास करते हैं?
*या फिर आप कुरान के हिसाब से परिभाषित “नास्तिक” हैं?
*कुरान के पदों की व्याख्या कैसे करेंगे,
*अगर आपका होने वाला पति या पत्नी (मुस्लिम) या उसके परिवार में से कोई आपसे शादी से पहले इस्लाम धर्म में बदलने के लिए कहता है, जिसकी शुरुआत शहादा की शपथ (इस्लाम में रूपांतरण) से शुरू होती है, तब आप क्या करेंगे?


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2 Comments

  • Abhishek Gupta
    March 18, 2020 10:41 am

    I think Islam is quite insecure. region should be dynamic which gives people enlightenment.

  • sandy
    March 15, 2020 3:35 am

    Is this Allah or a mafia don. If even a single sentence written here is true then Islam is a very dreaded religion & people should keep away from Muslims & dont let them mingle with u.

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