बाइबिल हिंदुओं पर? (Bible on Hindus?)


English version: Bible on Hindus?.

Translation of “Bible on Hindus?” in Hindi language is provided here. We hope it will be helpful to Hindi-speaking couples in Hindu-Christian relationship.

अगर आप ईसाई परिवार में विवाह करना चाहती हैं तो जाने क्या कहती हैं बाइबिल हिंदुओं के लिए

वैसे देखा जाए तो सभी धार्मिक पुस्तकों में कुछ न कुछ कमियाँ पाई गई हैं| कई कथाओं में शिव जी तथा लौड गोड (Lord God) के क्रोध को उनके रूद्र रूप में दर्शाया गया है, हालाँकि उनके भक्तों द्वारा कुछ न कुछ तर्क देकर इसे न्यायसंगत सिद्ध कर दिया गया है| वहीं अब्राह्मिक (ईसाई, यहूदी और मुस्लिम) धर्म ग्रंथ अन्य धर्मों, या एक दूसरे की धार्मिक आस्थाओं, की कटु आलोचना करने का अक्सर प्रयास करते रहते हैं|

किसी भी अंतर धमीँ (interfaith) जोड़े के लिए यह महत्व नहीं रखता कि उसके धर्म विशेष की पुस्तक में क्या लिखा है, जबकी यह सबसे अधिक महत्त्व रखता है कि किसी ने अपने धर्म ग्रंथ से क्या सीखा है?

हालाँकि बाइबिल में “इंडिया” शब्द का दो बार उल्लेख मिलता है लेकिन “हिंदु” शब्द के बारे में कहीं नहीं कहा गया है| यहाँ, बाइबिल के पदों का 12 भागों में उल्लेख किया गया है जिन्हें जानने में ईसाई-हिंदु या यहूदी-हिंदु जोड़े निश्चित रूप से रूचि लेंगे| इन सब बातों पर एक साथ चर्चा करने से आप जान पाएँगे कि यह आपके विवाहित जीवन को किस प्रकार प्रभावित कर सकता है|

भाग I: क्रोधित और ईर्षालु ईश्वर

बाइबिल में अब्राहिम यहोवा का “ईर्षालू ईश्वर” के रूप में 31 बार, क्रोधित ईश्वर के रूप में 238 बार वर्णन किया गया है वहीं “डर” शब्द का बाइबिल में 445 बार उल्लेख किया गया है| इनमें से कई दृष्टांत ईश्वर द्वारा स्वयं दिए गए हैं| अविश्वासियों के लिए कुरान में भीं कई चेतावनियाँ दी गई हैं| ईर्षालू ईष्ट के सन्दर्भ में दो विचारधाराएँ देखने को मिलती हैं “ईर्षालू और क्रोधित ईष्ट“|

भाग II: बाइबिल “दूसरे देवी-देवताओं” पर

Other God?

हिन्दू धर्म की तरह ही, बाइबिल में भी इसी बात की शिक्षा देती है कि केवल एक ईश्वर या एक ही सत्य विद्यामान है| हालाँकि, बाइबिल में दूसरे देवी देवताओं को मानने वालों के लिए कड़ी चेतावनी दी गई है| अब चाहे वे भागवान कृष्ण हों या राम, गणेश, लक्ष्मी माँ या फिर ईश्वर के कई रूप जिनका वर्णन हिन्दू ग्रन्थों में मिलता है, ये ही उनके लिए दूसरे ईश्वर की श्रेणी में आते हैं?

तुम्हारे बीच में जो पराए देवता हैं, उन्हें निकाल फेंको; और अपने अपने को शुद्ध करो, और अपने वस्त्र बदल डालो; (उत्पत्ति 35:2)

तू मुझे छोड़ दूसरों को ईश्वर करके न मानना॥
तू अपने लिये कोई मूर्ति खोदकर न बनाना, न किसी कि प्रतिमा बनाना, जो आकाश में, वा पृथ्वी पर, वा पृथ्वी के जल में है।
तू उन को दण्डवत न करना, और न उनकी उपासना करना; क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर यहोवा जलन रखने वाला ईश्वर हूं, और जो मुझ से बैर रखते है, उनके बेटों, पोतों, और परपोतों को भी पितरों का दण्ड दिया करता हूं, (निर्गमन 20:3-5) [दस आज्ञाएँ] [The Ten Commandments]

यदि कोई किसी मिथ्या देवता को बलि चढ़ाए तो उस व्यक्ति को अवश्य नष्ट कर दिया जाए। केवल परमेश्वर यहोवा ही ऐसा है जिसे तुमको बलि चढ़ानी चाहिए। (निर्गमन 22:20)

संकल्प करो कि तुम इन नियमों का पालन करोगे। मिथ्या देवताओं की पूजा मत करो। तुम्हें उनका नाम भी नहीं लेना चाहिए (निर्गमन 23:13)

तुम उनके देवताओं या उन लोगों में से किसी के साथ कोई समझौता नहीं करोगे। उन्हें अपने देश में मत रहने दो। यदि तुम उन्हें रहने दोगे तो तुम उनके जाल में फँस जाओगे। वे तुमसे मेरे विरुद्ध पाप करवाएंगे और तुम उनके देवताओं की सेवा आरम्भ कर दोगे। (निर्गमन 23:32-33)

अर्थात् मेरी आज्ञा उल्‍लंघन करके पराए देवताओं की, या सूर्य, या चंद्रमा, या आकाश के गण में से किसी की उपासना की हो, या उनको दण्डवत् किया हो, ….. तो जिस पुरुष या स्त्री ने ऐसा बुरा काम किया हो, उस पुरुष या स्त्री को बाहर अपने फाटकों पर ले जाकर ऐसा पथराव करना कि वह मर जाए। (व्यवस्थाविवरण 17: 3-5)

यदि तू अपने परमेश्वर यहोवा को भूलकर दूसरे देवताओं के पीछे हो लेगा, और उसकी उपासना और उन को दण्डवत करेगा, तो मैं आज तुम को चिता देता हूं कि तुम नि:सन्देह नष्ट हो जाओगे। (व्यवस्थाविवरण 8:19)

सोमनाथ मंदिर

उनकी वेदियों को ढा देना, उनकी लाठों को तोड़ डालना, उनकी अशेरा नाम मूत्तिर्यों को आग में जला देना, और उनके देवताओं की खुदी हुई मूत्तिर्यों को काटकर गिरा देना, कि उस देश में से उनके नाम तक मिट जाएं। (व्यवस्थाविवरण 12:3)

जब तुम उस वाचा को, जिसे तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने तुम को आज्ञा देकर अपने साथ बन्धाया है, उल्लंघन करके पराये देवताओं की उपासना और उन को दण्डवत करने लगो, तब यहोवा का कोप तुम पर भड़केगा, और तुम इस अच्छे देश में से जिसे उसने तुम को दिया है शीघ्र नाश जो जाओगे॥ (यहोश 23:16)

न तो उपनी विधियों और नियमों पर और न उस व्यवस्था और आज्ञा के अनुसार चलते हैं, जो यहोवा ने याकूब की सन्तान को दी थी, जिसका नाम उसने इस्राएल रखा था। उन से यहोवा ने वाचा बान्धकर उन्हें यह आज्ञा दी थी, कि तुम पाराये देवताओं का भय न मानना और न उन्हें दण्डवत करना और न उनकी उपासना करना और न उन को बलि चढ़ाना। परन्तु यहोवा जो तुम को बड़े बल और बढ़ाई हुई भुजा के द्वारा मिस्त्र देश से निकाल ले आया, तुम उसी का भय मानना, उसी को दण्डवत करना और उसी को बलि चढ़ाना। (राजा II 17:35-36)

क्योंकि यहोवा महान और अति स्तुति के योग्य है; वह तो सब देवताओं से अधिक भय योग्य है। क्योंकि देश देश के सब देवता तो मूरतें ही हैं; परन्तु यहोवा ही ने स्वर्ग को बनाया है। (भजन संहिता 96:4-5)

तुम प्रचार करो और उन को लाओ; हां, वे आपस में सम्मति करें किस ने प्राचीनकाल से यह प्रगट किया? किस ने प्राचीनकाल में इसकी सूचना पहिले ही से दी? क्या मैं यहोवा ही ने यह नहीं किया? इसलिये मुझे छोड़ कोई और दूसरा परमेश्वर नहीं है, धर्मी और उद्धारकर्ता ईश्वर मुझे छोड़ और कोई नहीं है॥ हे पृथ्वी के दूर दूर के देश के रहने वालो, तुम मेरी ओर फिरो और उद्धार पाओ! क्योंकि मैं ही ईश्वर हूं और दूसरा कोई नहीं है। मैं ने अपनी ही शपथ खाई, धर्म के अनुसार मेरे मुख से यह वचन निकला है और वह नहीं टलेगा, प्रत्येक घुटना मेरे सम्मुख झुकेगा और प्रत्येक के मुख से मेरी ही शपथ खाई जाएगी॥ (यशायाह 45:21-23)

बुद्ध की अर्चना

और उनकी सारी बुराई के कारण मैं उन पर दण्ड की आज्ञा दूंगा; क्योंकि उन्होंने मुझे त्यागकर दूसरे देवताओं के लिये धूप जलाया और अपनी बनाई हुई वस्तुओं को दण्डवत किया है। (यिर्मयाह 1:16)

और दूसरे देवताओं के पीछे हो कर उनकी उपासना और उन को दण्डवत मत करो, और न अपनी बनाई हुई वस्तुओं के द्वारा मुझे रिस दिलाओ; तब मैं तुम्हारी कुछ हानि न करूंगा। (यिर्मयाह 25:6)

और जितने लोक उस में थे उन सभों को उन्होंने तलवार से मारकर सत्यानाश किया; और किसी लोक or प्राणी को जीवित न छोड़ा, और हासोर को यहोशू ने आग लगाकर फुंकवा दिया। (यहोशू 11:11)

ये जो अलग जातियां तुम्हारे बीच रह गई हैं इनके बीच न जाना, और न इनके देवताओं के नामों की चर्चा करना, और न उनकी शपथ खिलाना, और न उनकी उपासना करना, और न उन को दण्डवत करना। (यहोशू 23:7)

जब तुम उस वाचा को, जिसे तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने तुम को आज्ञा देकर अपने साथ बन्धाया है, उल्लंघन करके पराये देवताओं की उपासना और उन को दण्डवत करने लगो, तब यहोवा का कोप तुम पर भड़केगा, और तुम इस अच्छे देश में से जिसे उसने तुम को दिया है शीघ्र नाश जो जाओगे॥ (यहोशू 23:16)

यदि तुम यहोवा को त्यागकर पराए देवताओं की सेवा करने लगोगे, तो यद्दपि वह तुम्हारा भला करता आया है तौभी वह फिरकर तुम्हारी हानि करेगा और तुम्हारा अन्त भी कर डालेगा। (यहोशू 24:20)

वे अपने पूर्वजों के परमेश्वर यहोवा को, जो उन्हें मिस्र देश से निकाल लाया था, त्यागकर पराये देवताओं की उपासना करने लगे, और उन्हें दण्डवत किया; और यहोवा को रिस दिलाई। (न्यायियों 2:12)

परन्तु यदि तुम लोग फिरो, और मेरी विधियों और आज्ञाओं को जो मैं ने तुम को दी हैं त्यागो, और जा कर पराये देवताओं की उपासना करो और उन्हें दण्डवत करो, तो मैं उन को अपने देश में से जो मैं ने उन को दिया है, जड़ से उखाडूंगा. (II इतिहास 7:19-20)

उन लोगों ने मुझे त्याग कर पराये देवताओं के लिये धूप जलाया है और अपनी बनाईं हुई सब वस्तुओं के द्वारा मुझे रिस दिलाई है, इस कारण मेरी जलजलाहट इस स्थान पर भड़क उठी है, और शान्त न होगी। (II इतिहास 34: 25)

Mahavir Swami (Jain)

तेरे बीच में पराया ईश्वर न हो; और न तू किसी पराए देवता को दणडवत करना! (भजन संहिता 81:9)

देवताओं में से कोई भी तेरे तुल्य नहीं। (भजन संहिता 86:8)

मैं यहोवा हूं और दूसरा कोई नहीं, मुझे छोड़ कोई परमेश्वर नहीं; यद्यपि तू मुझे नहीं जानता, तौभी मैं तेरी कमर कसूंगा, जिस से उदयाचल से ले कर अस्ताचल तक लोग जान लें कि मुझ बिना कोई है ही नहीं है। (यशायाह 45:5-6)

हे पृथ्वी के दूर दूर के देश के रहने वालो, मैं यहोवा हूं और दूसरा कोई नहीं, तुम मेरी ओर फिरो और उद्धार पाओ! क्योंकि मैं ही ईश्वर हूं और दूसरा कोई नहीं है। धर्मी और उद्धारकर्ता ईश्वर मुझे छोड़ और कोई नहीं है॥ मैं ने अपनी ही शपथ खाई, धर्म के अनुसार मेरे मुख से यह वचन निकला है और वह नहीं टलेगा, प्रत्येक घुटना मेरे सम्मुख झुकेगा और प्रत्येक के मुख से मेरी ही शपथ खाई जाएगी॥ (यशायाह 45:21-23)

इस दुष्ट जाति के लोग जो मेरे वचन सुनने से इनकार करते हैं जो अपने मन के हठ पर चलते, दूसरे देवताओं के पीछे चल कर उनकी उपासना करते ओर उन को दण्डवत करते हैं, वे इस पेटी के समान हो जाएंगे जो किसी काम की नहीं रही। (यिर्मयाह 13:10)

भाग III: बाइबिल मूर्तिपूजक (बुतपरस्ती) पर

हिन्दुओं को उनके हिसाब से ईश्वर के किसी भी रूप को मानने की पूरी स्वतंत्रता प्राप्त हुई है, उदाहरण के लिए, चाहे कैलाश पर्वत हो या गंगा नदी, वानर के रूप में हनुमान हो या गज के रूप में गणेश, सूर्य देवता हो या चन्द्र देवता, धरती माँ हो या कई प्रकार के पौधे जैसे तुलसी या पशु नंदी आदि सभी हिन्दुओं के लिए न केवल पूज्य हैं बल्कि इन्हें ईश्वर के लौकिक रूप माना गया है|

जैसा कि हम नीचे पढ़ सकते हैं कि बाइबिल के अनुसार मूर्तिपूजक की अवधारणा को पूरी तरह से नकार दिया गया है| हालाँकि स्वामी विवेकानंद का बुत शब्द पर कोई एकाधिकार नहीं है| उन्होंने कहा था “यदि (उनके गुरु) रामकृष्ण परमहंस का निर्माण मूर्ति-पूजा से हुआ है, तब आपके पास क्या है- सुधारक का मत या मूर्तियों की कितनी भी संख्या? हाँ मूर्तिपूजा की निंदा की जाती है! क्यों? कोई नहीं जानता। शायद इसीलिए क्योंकि सैंकड़ों साल पहले कुछ यहूदी इसकी निंदा करने के लिए आए थे? वे स्वयं की मूर्तियों छोड़ कर सभी धर्मों की मूर्तियों की निंदा करते थे”|

आइए जानते हैं मूर्ति पूजा के बारे में बाइबिल का क्या कहना है?

उनके देवताओं को दण्डवत न करना, और न उनकी उपासना करना, और न उनके से काम करना, वरन उन मूरतों को पूरी रीति से सत्यानाश कर डालना, और उन लोगों की लाटों के टुकड़े टुकड़े कर देना। (निर्गमन 23:24)

वरन उनकी वेदियों को गिरा देना, उनकी लाठों को तोड़ डालना, और उनकी अशेरा नाम मूतिर्यों को काट डालना; क्योंकि तुम्हें किसी दूसरे को ईश्वर करके दण्डवत करने की आज्ञा नहीं, क्योंकि यहोवा जिसका नाम जलनशील है, वह जल उठने वाला ईश्वर है ही, ऐसा न हो कि तू उस देश के निवासियों वाचा बान्धे, और वे अपने देवताओं के पीछे होने का व्यभिचार करें, और उनके लिये बलिदान भी करें, और कोई तुझे नेवता दे और तू भी उसके बलिपशु का प्रसाद खाए,
और तू उनकी बेटियों को अपने बेटों के लिये लावे, और उनकी बेटियां जो आप अपने देवताओं के पीछे होने का व्यभिचार करती है तेरे बेटों से भी अपने देवताओं के पीछे होने को व्यभिचार करवाएं। तुम देवताओं की मूत्तियां ढालकर न बना लेना। (निर्गमन 34:13-17)

Not an idol?
बुतपरस्ती नहीं?

बुत?
तुम अपने लिये मूरतें न बनाना, और न कोई खुदी हुई मूर्ति वा लाट अपने लिये खड़ी करना, और न अपने देश में दण्डवत करने के लिये नक्काशीदार पत्थर स्थापन करना; क्योंकि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं। (लैव्यव्यवस्था 26:1)

तब उस देश के निवासियों उनके देश से निकाल देना; और उनके सब नक्काशे पत्थरों को और ढली हुई मूतिर्यों को नाश करना, और उनके सब पूजा के ऊंचे स्थानों को ढा देनापरन्तु यदि तुम उस देश के निवासियों अपने आगे से न निकालोगे, तो उन में से जिन को तुम उस में रहने दोगे वे मानो तुम्हारी आंखों में कांटे और तुम्हारे पांजरों में कीलें ठहरेंगे, और वे उस देश में जहां तुम बसोगे तुम्हें संकट में डालेंगे। (गिनती 33:52, 55)

कहीं ऐसा न हो कि तुम बिगड़कर चाहे पुरूष चाहे स्त्री के, चाहे पृथ्वी पर चलने वाले किसी पशु, चाहे आकाश में उड़ने वाले किसी पक्षी के। (व्यवस्थाविवरण 4:16, 17)

यदि उस देश में रहते रहते बहुत दिन बीत जाने पर, और अपने बेटे-पोते उत्पन्न होने पर, तुम बिगड़कर किसी वस्तु के रूप की मूर्ति खोदकर बनाओ, और इस रीति से अपने परमेश्वर यहोवा के प्रति बुराई करके उसे अप्रसन्न कर दो, और वहां तुम मनुष्य के बनाए हुए लकड़ी और पत्थर के देवताओं की सेवा करोगे, जो न देखते, और न सुनते, और न खाते, और न सूंघते हैं। (व्यवस्थाविवरण 4:25, 28)

तु अपने लिये कोई मूर्ति खोदकर न बनाना, न किसी की प्रतिमा बनाना जो आकाश में, वा पृथ्वी के जल में है; तू उन को दण्डवत न करना और न उनकी उपासना करना; क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर यहोवा जलन रखने वाला ईश्वर हूं, और जो मुझ से बैर रखते हैं उनके बेटों, पोतों, और परपोतों को पितरों का दण्ड दिया करता हूं। (व्यवस्थाविवरण 5:8-9) [दस आज्ञाएँ] [The Ten Commandments]

उनके देवताओं की खुदी हुई मूर्तियां तुम आग में जला देना; जो चांदी वा सोना उन पर मढ़ा हो उसका लालच करके न ले लेना, नहीं तो तू उसके कारण फन्दे में फंसेगा; क्योंकि ऐसी वस्तुएं तुम्हारे परमेश्वर यहोवा की दृष्टि में घृणित हैं। (व्यवस्थाविवरण 7:25)

और मैं ने वह बछड़ा जिसे बनाकर तुम पापी हो गए थे ले कर, आग में डालकर फूंक दिया; और फिर उसे पीस पीसकर ऐसा चूर चूरकर डाला कि वह धूल की नाईं जीर्ण हो गया; और उसकी उस राख को उस नदी में फेंक दिया जो पर्वत से निकलकर नीचे बहती थी। (व्यवस्थाविवरण 9:21)

उन्होंने पराए देवताओं को मानकर उस में जलन उपजाई; और घृणित कर्म करके उसको रिस दिलाई॥ उन्होंने ऐसी वस्तु मानकर जो ईश्वर नहीं हैं, मुझ में जलन उत्पन्न की; और अपनी व्यर्थ वस्तुओं के द्वारा मुझे रिस दिलाई। इसलिये मैं भी उनके द्वारा जो मेरी प्रजा नहीं हैं उनके मन में जलन उत्पन्न करूंगा; और एक मूढ़ जाति के द्वारा उन्हें रिस दिलाऊंगा॥ (व्यवस्थाविवरण 32:16, 21)

तू ने उन सभों से बढ़कर जो तुझ से पहिले थे, बुराई की है, और जा कर पराये देवता की उपासना की और मूरतें ढालकर बनाईं, जिस से मुझे क्रोधित कर दिया और मुझे तो पीठ के पीछे फेंक दिया है। इस कारण मैं यारोबाम के घराने पर विपत्ति डालूंगा। (I राजा 14:9,10)

और जिन पुजारियों को यहूदा के राजाओं ने यहूदा के नगरों के ऊंचे स्थानों में और यरूशलेम के आस पास के स्थानों में धूप जलाने के लिये ठहराया था, उन को और जो बाल और सूर्य-चन्द्रमा, राशिचक्र और आकाश के कुल गण को धूप जलाते थे, उन को भी राजा ने दूर कर दिया। और वह अशेरा को यहोवा के भवन में से निकाल कर यरूशलेम के बाहर किद्रोन नाले में लिवा ले गया और वहीं उसको फूंक दिया, और पीस कर बुकनी कर दिया। तब वह बुकनी साधारण लोगों की कबरों पर फेंक दी। (II राजा 23:5-6)

क्योंकि यहोवा महान और स्तुति के अति योग्य है, वह तो सब देवताओं से अधिक भययोग्य है।
क्योंकि देश देश के सब देवता मूतिर्यां ही हैं; परन्तु यहोवा ही ने स्वर्ग को बनाया है। (I इतिहास 16:25-26)

जब यह सब हो चुका, तब जितने इस्राएली अपस्थित थे, उन सभों ने यहूदा के नगरों में जा कर, सारे यहूदा और बिन्यामीन और एप्रेम और मनश्शे में कि लाठों को तोड़ दिया, अशेरों को काट डाला, और ऊंचे स्थानों और वेदियों को गिरा दिया; और उन्होंने उन सब का अन्त कर दिया। तब सब इस्राएली अपने अपने नगर को लौट कर, अपनी अपनी निज भूमि में पहुंचे। (II इतिहास 31:1)

नालों के चिकने पत्थर ही तेरा भाग और अंश ठहरे; तू ने उनके लिये तपावन दिया और अन्नबलि चढ़ाया है। क्या मैं इन बातों से शान्त हो जाऊं? (यशायाह 57:6)

केवल अपना यह अधर्म मान ले कि तू अपने परमेश्वर यहोवा से फिर गई और सब हरे पेड़ों के तले इधर उधर दूसरों के पास गई, और मेरी बातों को नहीं माना, यहोवा की यह वाणी है। (यिर्मयाह 3:13)

मुझे अपने लोगों की चिल्लाहट दूर के देश से सुनाई देती है: क्या यहोवा सिय्योन में नहीं हैं? क्या उसका राजा उस में नहीं? उन्होंने क्यों मुझ को अपनी खोदी हुई मूरतों और परदेश की व्यर्थ वस्तुओं के द्वारा क्यों क्रोध दिलाया है? (यिर्मयाह 8:19)

सब मनुष्य पशु सरीखे ज्ञानरहित है; सब सोनारों को अपनी खोदी हुई मूरतों के कारण लज्जित होना पड़ेगा; क्योंकि उनकी ढाली हुई मूरतें धोखा देने वाली हैं, और उनके कुछ भी सांस नहीं चलती। (यिर्मयाह 51:17)

मैं तेरी खुदी हुई मूरतें, और तेरी लाठें, तेरे बीच में से नष्‍ट करूँगा; और तू आगे को अपने हाथ की बनाई हुई वस्तुओं को दण्डवत् न करेगा। मैं तेरी अशेरा नामक मूरतों को तेरी भूमि में से उखाड़ डालूँगा, और तेरे नगरों का विनाश करूँगा। और मैं जाति-जाति से जो मेरा कहा नहीं मानतीं, क्रोध और जलजलाहट के साथ बदला लूँगा। (मीका 5:13-15)

खुदी हुई मूरत में क्या लाभ देख कर बनाने वाले ने उसे खोदा है? फिर झूठ सिखाने वाली और ढली हुई मूरत में क्या लाभ देख कर ढालने वाले ने उस पर इतना भरोसा रखा है कि न बोलने वाली और निकम्मी मूरत बनाए? हाय उस पर जो काठ से कहता है, जाग, वा अबोल पत्थर से, उठ! क्या वह सिखाएगा? देखो, वह सोने चान्दी में मढ़ा हुआ है, परन्तु उस में आत्मा नहीं है॥ (हबक्कूक 2:18-19)

इस कारण, हे मेरे प्यारों, मूर्ति पूजा से बचे रहो। (I कुरिन्थियों 10:14)

क्योंकि तुम यह जानते हो, कि किसी व्यभिचारी, या अशुद्ध जन, या लोभी मनुष्य की, जो मूरत पूजने वाले के बराबर है, मसीह और परमेश्वर के राज्य में मीरास नहीं। (इफिसियों 5:5)

तुम कैसे मूरतों से परमेश्वर की ओर फिरे ताकि जीवते और सच्चे परमेश्वर की सेवा करो। (1 थिस्सलुनिकियो 1:9)

हे बालको, अपने आप को मूरतों से बचाए रखो। (I यूहन्ना 5:21)

और उनके देवताओं को आग में झोंका है, क्योंकि वे ईश्वर न थे; वे मनुष्यों के बनाए हुए काठ और पत्थर ही के थे; इस कारण वे उन को नाश कर सके। (राजा II 19:18)

जितने खुदी हुई मूर्तियों की उपासना करते और मूरतों पर फूलते हैं, वे लज्जित हों; हे सब देवताओं तुम उसी (यहोवा) को दण्डवत करो। (भजन संहिता 97:7)

उन लोगों की मूरतें सोने चान्दी ही की तो हैं, वे मनुष्यों के हाथ की बनाईं हुई हैं।
उनका मुंह तो रहता है परन्तु वे बोल नहीं सकती; उनके आंखें तो रहती हैं परन्तु वे देख नहीं सकतीं।
उनके कान तो रहते हैं, परन्तु वे सुन नहीं सकतीं; उनके नाक तो रहती हैं, परन्तु वे सूंघ नहीं सकतीं।
उनके हाथ तो रहते हैं, परन्तु वे स्पर्श नहीं कर सकतीं; उनके पांव तो रहते हैं, परन्तु वे चल नहीं सकतीं; और अपने कण्ठ से कुछ भी शब्द नहीं निकाल सकतीं। (भजन संहिता 115:4-7)

और वे बचे हुए लोग, उन जातियों के बीच, जिन में वे बंधुए हो कर जाएंगे, मुझे स्मरण करेंगे; और यह भी कि हमारा व्यभिचारी हृदय यहोवा से कैसे हट गया है और व्यभिचारिणी की सी हमारी आंखें मूरतों पर कैसी लगी हैं जिस से यहोवा का मन टूटा है। इस रीति से उन बुराइयों के कारण, जो उन्होंने अपने सारे घिनौने काम कर के की हैं, वे अपनी दृष्टि में घिनौने ठहरेंगे। (यहेजकेल 6:9)

और जब हर एक ऊंची पहाड़ी और पहाड़ों की हर एक चोटी पर, और हर एक हरे पेड़ के नीचे, और हर एक घने बांजवृक्ष की छाया में, जहां जहां वे अपनी सब मूरतों को सुखदायक सुगन्ध द्रव्य चढ़ाते हैं, वहां उनके मारे हुए लोग अपनी वेदियों के आस पास अपनी मूरतों के बीच में पड़े रहेंगे; तब तुम लोग जान लोगे कि मैं यहोवा हूँ। (यहेजकेल 6:13)

भाग IV: मंदिर जाने और प्रसाद लेने के बारे में बाइबिल

सबके साथ पूजा-अर्चना क्यों न की जाए, किसी भी रूप में? क्यों आप अपने ईसाई मंगेतर को हिन्दुओं के मंदिर नहीं ले जा सकते और मिल बांट कर मंदिर का प्रसाद नहीं खा सकते? वहीं हिन्दू चर्च क्यों नहीं जा सकते? एक दूसरे की संस्कृतियों में प्रचलित रीति-रिवाजों को एक साथ निभाने में क्यों आनंद नहीं लिया जा सकता?

परन्तु देखें क्या कहती है बाइबिल:

क्या प्रसाद ग्रहण करना अभिशाप है?

कि तुम मूरतों के बलि किए हुओं (प्रसाद) से परे रहो; तो तुम्हारा भला होगा। (प्रेरितों के काम 15:29)

सो मूरतों के साम्हने बलि की हुई वस्तुओं के खाने के विषय में हम जानते हैं, कि मूरत जगत में कोई वस्तु नहीं, और एक को छोड़ और कोई परमेश्वर नहीं।
यद्यपि आकाश में और पृथ्वी पर बहुत से ईश्वर कहलाते हैं, (जैसा कि बहुत से ईश्वर ओर बहुत से प्रभु हैं)।
तौभी हमारे निकट तो एक ही परमेश्वर है: अर्थात पिता जिस की ओर से सब वस्तुएं हैं, और हम उसी के लिये हैं, और एक ही प्रभु है, अर्थात यीशु मसीह जिस के द्वारा सब वस्तुएं हुईं, और हम भी उसी के द्वारा हैं। (I कुरिन्थियों 8:4-6)

क्योंकि यदि कोई तुझ ज्ञानी को मूरत के मन्दिर में भोजन करते देखे, और वह निर्बल जन हो, तो क्या उसके विवेक में मूरत के साम्हने बलि की हुई वस्तु के खाने का हियाव न हो जाएगा। (I कुरिन्थियों 8:10)

परन्तु यदि कोई तुम से कहे, यह तो मूरत को बलि की हुई वस्तु है, तो उसी बताने वाले के कारण, और विवेक के कारण न खाओ। (I कुरिन्थियों 10:28)

भाग V: ईश्वर पर बाइबिल का एकाधिकार

ईसाई धर्म में यह शिक्षा दी गई है कि केवल ईसाइयत में विश्वास रखने वालों को मुक्ति प्राप्त हो सकती है, और क़यामत के दिन शेष सभी को नरक नसीब होने वाला है| इस्लाम धर्म भी कुछ इसी तरह की शिक्षा देता है| इसका अर्थ यह है कि महात्मा गांधी और तुम्हारे हिन्दू पूर्वज नरक में गए होंगे?

और मैं इस्त्राएलियों के मध्य निवास करूंगा, और उनका परमेश्वर ठहरूंगा। (निर्गमन 29:45)

और क्या बड़ा, क्या छोटा, क्या स्त्री, क्या पुरुष, जो कोई इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की खोज न करे, वह मार डाला जाएगा। (इतिहास 15:13)

क्योंकि यहोवा महान ईश्वर है, और यहोवा सब देवताओं के ऊपर महान राजा है। (भजन संहिता 95:3)

यीशु ने उस से कहा, मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता। (यूहन्ना 14:6)

तब वह अपने सब दल बल समेत परमेश्वर के भक्त के यहां लौट आया, और उसके सम्मुख खड़ा हो कर कहने लगा सुन, अब मैं ने जान लिया है, कि समस्त पृथ्वी में इस्राएल को छोड़ और कहीं परमेश्वर नहीं है। इसलिये अब अपने दास की भेंट ग्रहण कर। (II राजा 5:15)

हमारा परमेश्वर सब देवताओं में महान है। (II इतिहास 2:5)

यह कैसे जाना जाए कि तेरे अनुग्रह की दृष्टि मुझ पर और अपनी प्रजा पर है? क्या इस से नहीं कि तू हमारे संग संग चले, जिस से मैं और तेरी प्रजा के लोग पृथ्वी भर के सब लोगों से अलग ठहरें? (निर्गमन 33:16)

यीशु ने उन से कहा; मैं तुम से सच सच कहता हूं जब तक मनुष्य के पुत्र का मांस (bread) न खाओ, और उसका लोहू (wine) न पीओ, तुम में जीवन नहीं। जो मेरा मांस खाता, और मेरा लोहू पीता है, अनन्त जीवन उसी का है, और मैं अंतिम दिन फिर उसे जिला उठाऊंगा। क्योंकि मेरा मांस वास्तव में खाने की वस्तु है और मेरा लोहू वास्तव में पीने की वस्तु है। जो मेरा मांस खाता और मेरा लोहू पीता है, वह मुझ में स्थिर बना रहता है, और मैं उस में। (यूहन्ना 6:53-56)

और किसी दूसरे के द्वारा उद्धार नहीं; क्योंकि स्वर्ग के नीचे मनुष्यों में और कोई दूसरा नाम नहीं दिया गया, जिस के द्वारा हम उद्धार पा सकें॥ (प्रेरितों के काम 4:12)

भाग VI: ईसाई दीक्षा (बपतिस्मा)

किसी अंतरजातीय जोड़े के लिए यह समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि ईसाई दीक्षा (बपतिस्मा) कोई खोखला रिवाज नहीं है इसका अर्थ औपचारिक रूप से ईसाई सिद्धांतों को अपनाना है और जो भी इससे विरोधाभास उत्पन्न करे उसका बहिष्कार करो| प्रत्येक जोड़े को यह बात समझनी चाहिए कि ईसाई दीक्षा मात्र विवाह की ज़रूरत मान कर न ली जाए| इस दीक्षा को केवल तब ही ग्रहण करना चाहिए जब आपको सच में बाइबिल की शिक्षाओं में आस्था हो और आप सच में अपनी सांस्कृतिक पृष्ठभूमि को त्यागने के लिए तैयार हो|,

उसने वह कर्म किया (आस्था बीना बपतिस्मा) जो बुरा है, अर्थात उसने अपने मन को यहोवा की खोज में न लगाया। (II इतिहास 12:14)

जिसके काम निर्दोष और हृदय शुद्ध है, जिसने अपने मन को व्यर्थ बात की ओर नहीं लगाया, और न कपट से शपथ खाई है।
वह यहोवा की ओर से आशीष पाएगा, और अपने उद्धार करने वाले परमेश्वर की ओर से धर्मी ठहरेगा। (भजन संहिता 24:4-5)

और कहा, मैं तुम से सच कहता हूं, यदि तुम न फिरो और बालकों के समान न बनो, तो स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने नहीं पाओगे। (मत्ती 18:3)

जो विश्वास करे और बपतिस्मा ले उसी का उद्धार होगा, परन्तु जो विश्वास न करेगा वह दोषी ठहराया जाएगा। (मरकुस 16:16)

मुझे तो एक बपतिस्मा लेना है; और जब तक वह न हो ले तब तक मैं कैसी सकेती में रहूंगा?
क्या तुम समझते हो कि मैं पृथ्वी पर मिलाप कराने आया हूं? मैं तुम से कहता हूं; नहीं, वरन अलग कराने आया हूं। (लूका 12:50, 51)

पतरस ने उन से कहा, मन फिराओ, और तुम में से हर एक अपने अपने पापों की क्षमा के लिये यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा ले; तो तुम पवित्र आत्मा का दान पाओगे। (प्रेरितों के काम 2:38)

एक ही प्रभु है, एक ही विश्वास, एक ही बपतिस्मा। (इफिसियों 4:5)

तो वह यह जान ले, कि जो कोई किसी भटके हुए पापी को फेर लाएगा, वह एक प्राण को मृत्यु से बचाएगा, और अनेक पापों पर परदा डालेगा॥ (याकूब 5:20)

परमेश्‍वर का आत्मा तुम इस रीति से पहचान सकते हो: जो आत्मा मान लेती है कि यीशु मसीह शरीर में होकर आया है वह परमेश्‍वर की ओर से है, और जो आत्मा यीशु को नहीं मानती, वह परमेश्‍वर की ओर से नहीं। (यूहन्ना 4:2)

इसलिये जो कोई अनुचित रीति से प्रभु की रोटी खाए या उसके कटोरे में से पीए, वह प्रभु की देह और लहू का अपराधी ठहरेगा। इसलिये मनुष्य अपने आप को जाँच ले और इसी रीति से इस रोटी में से खाए, और इस कटोरे में से पीए। क्योंकि जो खाते-पीते समय प्रभु की देह को न पहिचाने, वह इस खाने और पीने से अपने ऊपर दण्ड लाता है। (I कुरिन्थियों 11:27-29)

जो कोई आगे बढ़ जाता है, और मसीह की शिक्षा में बना नहीं रहता, उसके पास परमेश्वर नहीं: जो कोई उस की शिक्षा में स्थिर रहता है, उसके पास पिता भी है, और पुत्र भी।
यदि कोई तुम्हारे पास आए, और यही शिक्षा (doctrine) न दे, उसे न तो घर मे आने दो, और न नमस्कार करो। (II यूहन्ना 1:9-10)

भाग VII: बाइबिल के अनुसार अविश्वासियों के लिए यातनाएँ

जो भी बाइबिल की आज्ञाओं का पालन नहीं करेगा उसे कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी, जैसे आतंक से भयग्रस्त जीवन, अपक्षय बीमारियाँ, ईश्वर के क्रोध की आग, दम घुट जाना, हृदय मोम हो जाएग और देह के भीतर पिघल जाएगा, तब तक पथराव होगा जब तक कि मृत्यु न हो जाए, छाती के अन्दर छुरी से वार होगा, जबड़ों में आंकड़ें डाले जाएँगे, हत्या कर दी जाएगी, घर जला कर नष्ट कर देंगे, उनके पुत्रों को मार दिया जाएगा, खून की नदियाँ बहेंगी और सब नष्ट हो जाएगा| कमज़ोर दीमाग के लोगों के लिए यह निश्चित रूप से डराने वाले तथ्य हैं| आज भी ईसाई रूढ़िवादिता को शाब्दिक रूप में ग्रहण किया जा रहा है और चर्च में भी यही सिखाया जाता है|

तो मैं तुम से यह करूंगा; अर्थात मैं तुम को बेचैन करूंगा, और क्षयरोग और ज्वर से पीड़ित करूंगा, और इनके कारण तुम्हारी आंखे धुंधली हो जाएंगी, और तुम्हारा मन अति उदास होगा। और तुम्हारा बीच बोना व्यर्थ होगा, क्योंकि तुम्हारे शत्रु उसकी उपज खा लेंगे; (लैव्यव्यवस्था 26:16)

यदि तेरा बैरी भूखा हो तो उस को रोटी खिलाना; और यदि वह प्यासा हो तो उसे पानी पिलाना;
क्योंकि इस रीति तू उसके सिर पर अंगारे डालेगा, और यहोवा तुझे इसका फल देगा।
(नीतिवचन 25:21-22) [“Muhammad and My Cat” भी पढ़ें|]

और मैं तुझ पर अपना क्रोध भड़काऊंगा और तुझ पर अपनी जलजलाहट की आग फूंक दूंगा; ओर तुझे पशु सरीखे मनुष्य के हाथ कर दूंगा जो नाश करने में निपुण हैं।
तू आग का कौर होगी; तेरा खून देश में बना रहेगा; तू स्मरण में न रहेगी क्योंकि मुझ यहोवा ही ने ऐसा कहा है। (यहेजकेल 21:31-32)

मैं तुम को वहां बटोरकर अपने रोष की आग से फूंकूंगा, और तुम उसके बीच में पिघलाए जाओगे
जैसे चान्दी भट्ठी के बीच में पिघलाई जाती है, वैसे ही तुम उसके बीच में पिघलाए जाओगे; तब तुम जान लोगे कि जिसने हम पर अपनी जलजलाहट भड़काई है, वह यहोवा है। (यहेजकेल 22:21-22)

और नगर और जो कुछ उस में है यहोवा के लिये अर्पण की वस्तु ठहरेगी; केवल राहाब वेश्या और जितने उसके घर में होंवे जीवित छोड़े जाएंगे, क्योंकि उसने हमारे भेजे हुए दूतों को छिपा रखा था।
और क्या पुरूष, क्या स्त्री, क्या जवान, क्या बूढ़े, वरन बैल, भेड़-बकरी, गदहे, और जितने नगर में थे, उन सभों को उन्होंने अर्पण की वस्तु जानकर तलवार से मार डाला।
तब उन्होंने नगर को, और जो कुछ उस में था, सब को आग लगाकर फूंक दिया; केवल चांदी, सोना, और जो पात्र पीतल और लोहे के थे, उन को उन्होंने यहोवा के भवन के भण्डार में रख दिया। (यहोशू 6:17, 21, 24)

इसी प्रकार यहोशू ने उस सारे देश को, अर्थात पहाड़ी देश, दक्खिन देश, नीचे के देश, और ढालू देश को, उनके सब राजाओं समेत मारा; और इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की आज्ञा के अनुसार किसी को जीवित न छोड़ा, जिसमे प्राण थे, सभों को सत्यानाश कर डाला। (यहोशू 10:40)

और उस भीड़ के लोग उन को पत्थर्वाह कर के उन्हें अपनी तलवारों से काट डालेंगे, तब वे उनके पुत्र-पुत्रियों को घात कर के उनके घर भी आग लगा कर फूंक देंगे
इस प्रकार मैं महापाप को देश में से दूर करूंगा, और सब स्त्रियां शिक्षा पाकर तुम्हारा सा महापाप करने से बची रहेंगी।
तुम्हारा महापाप तुम्हारे ही सिर पड़ेगा; और तुम निश्चय अपनी मूरतों की पूजा के पापों का भार उठाओगे; और तब तुम जान लोगे कि मैं परमेश्वर यहोवा हूं। (यहेजकेल 23: 47-49)

तू परदेशियों के हाथ से न खतनाहीन (uncircumcised) लोगों की नाईं मारा जाएगा; क्योंकि मैं ही ने ऐसा कहा है, परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है। (यहेजकेल 28:10)

मैं तेरे जबड़ों में आँकड़े डालूंगा, और तेरी नदियों की मछलियों को तेरी खाल में चिपटाऊंगा, और तेरी खाल में चिपक्की हुई तेरी नदियों की सब मछलियों समेत तुझ को तेरी नदियों में से निकालूंगा। (यहेजकेल 29:4)

मेरे घेरने वालों के सिर पर उन्हीं का विचारा हुआ उत्पात पड़े!
उन पर अंगारे डाले जाएं! वे आग में गिरा दिए जाएं! और ऐसे गड़हों में गिरें, कि वे फिर उठ न सकें! (भजन संहिता 140:9-10)

पर जो कोई इन छोटों में से जो मुझ पर विश्वास करते हैं, किसी को ठोकर खिलाए तो उसके लिये भला यह है कि एक बड़ी चक्की का पाट उसके गले में लटकाया जाए और वह समुद्र में डाल दिया जाए।
यदि तेरा हाथ तुझे ठोकर खिलाए (sin) तो उसे काट डाल टुण्डा होकर जीवन में प्रवेश करना, तेरे लिये इस से भला है कि दो हाथ रहते हुए नरक के बीच उस आग में डाला जाए जो कभी बुझने की नहीं। (मरकुस 9:42-43)

परन्तु मेरे उन बैरियों को जो नहीं चाहते थे कि मैं उन पर राज्य करूं, उन को यहां लाकर मेरे सामने घात करो॥ (लूका 19:27)

जिस को कैद में पड़ना है, वह कैद में पड़ेगा, जो तलवार से मारेगा, अवश्य है कि वह तलवार से मारा जाएगा, पवित्र लोगों का धीरज और विश्वास इसी में है॥ (प्रकाशित वाक्य 13:10)

मिस्र देश ही से मैं यहोवा, तेरा परमेश्वर हूं; तू मुझे छोड़ किसी को परमेश्वर कर के न जानना; क्योंकि मेरे सिवा कोई तेरा उद्धारकर्ता नहीं हैं। मैं बच्चे छीनी हुई रीछनी के समान बन कर उन को मिलूंगा, और उनके हृदय की झिल्ली को फाडूंगा, और सिंह की नाईं उन को वहीं खा डालूंगा, जैसे बन-पशु उन को फाड़ डाले॥ (होशे 13:4, 8)

जो मेरे साथ नहीं वह मेरे विरोध में है (मत्ती 12:30)

उसने तो मिस्त्रियों की नहरों को लोहू बना डाला, और वे अपनी नदियों का जल पी न सके। उसने उनके बीच में डांस भेजे जिन्होंने उन्हे काट खाया, और मेंढक भी भेजे, जिन्होंने उनका बिगाड़ किया। उसने उनकी भूमि की उपज कीड़ों को, और उनकी खेतीबारी टिड्डयों को खिला दी थी। उसने उनकी दाखलताओं को ओेलों से, और उनके गूलर के पेड़ों को बड़े बड़े पत्थर बरसा कर नाश किया। उसने उनके पशुओं को ओलों से, और उनके ढोरों को बिजलियों से मिटा दिया। उसने उनके ऊपर अपना प्रचणड क्रोध और रोष भड़काया, और उन्हे संकट में डाला, और दुखदाई दूतों का दल भेजा।
उसने अपने क्रोध का मार्ग खोला, और उनके प्राणों को मृत्यु से न बचाया, परन्तु उन को मरी के वश में कर दिया। (भजन सहिंता 44:51)

भाग VIII: अंतरजातीय विवाह

अंतरजातीय विवाह के लिए बाइबिल में कड़ी चेतावनी दी गई है| संभावित है कि इसी कारण से ही डरे हुए ईसाई (मुस्लिम या यहूदी) अपने हिन्दू मंगेतर के धर्म परिवर्तन से इस अंतरजातीय विवाह की समस्या को हल करना चाहते हैं|

आइए देखें अंतरजातीय विवाह के बारे में बाइबिल का क्या मानना है:

मूसा ने तो एक कूशी स्त्री के साथ ब्याह कर लिया था। सो मरियम और हारून उसकी उस ब्याहिता कूशी स्त्री के कारण उसकी निन्दा करने लगे; (गिनती 12:1)

और तेरा परमेश्वर यहोवा उन्हें तेरे द्वारा हरा दे, और तू उन पर जय प्राप्त कर ले; तब उन्हें पूरी रीति से नष्ट कर डालना; उन से न वाचा बान्धना, और न उन पर दया करना।
और न उन से ब्याह शादी करना, न तो उनकी बेटी को अपने बेटे के लिये ब्याह लेना। क्योंकि वे तेरे बेटे को मेरे पीछे चलने से बहकाएंगी, और दूसरे देवताओं की उपासना करवाएंगी; और इस कारण यहोवा का कोप तुम पर भड़क उठेगा, और वह तुझ को शीघ्र सत्यानाश कर डालेगा।
उन लोगों से ऐसा बर्ताव करना, कि उनकी वेदियों को ढा देना, उनकी लाठों को तोड़ डालना, उनकी अशेरा नाम मूत्तिर्यों को काट काटकर गिरा देना, और उनकी खुदी हुई मूर्तियों को आग में जला देना। (व्यवस्थाविवरण 7:2-5)

और जब वह उसके घर से निकल जाए, तब दूसरे पुरूष की हो सकती है।
परन्तु यदि वह उस दूसरे पुरूष को भी अप्रिय लगे, और वह उसके लिये त्यागपत्र लिखकर उसके हाथ में देकर उसे अपने घर से निकाल दे, वा वह दूसरा पुरूष जिसने उसको अपनी स्त्री कर लिया हो मर जाए, तो उसका पहिला पति, जिसने उसको निकाल दिया हो, उसके अशुद्ध होने के बाद उसे अपनी पत्नी न बनाने पाए क्योंकि यह यहोवा के सम्मुख घृणित बात है। इस प्रकार तू उस देश को जिसे तेरा परमेश्वर यहोवा तेरा भाग करके तुझे देता है पापी न बनाना॥ (व्यवस्थाविवरण 24:2-4)

वरन उनकी वेदियों को गिरा देना, उनकी लाठों को तोड़ डालना, और उनकी अशेरा नाम मूतिर्यों को काट डालना; क्योंकि तुम्हें किसी दूसरे को ईश्वर करके दण्डवत करने की आज्ञा नहीं, क्योंकि यहोवा जिसका नाम जलनशील है, वह जल उठने वाला ईश्वर है ही,
ऐसा न हो कि तू उस देश के निवासियों वाचा बान्धे, और वे अपने देवताओं के पीछे होने का व्यभिचार करें, और उनके लिये बलिदान भी करें, और कोई तुझे नेवता दे और तू भी उसके बलिपशु का प्रसाद खाए,
और तू उनकी बेटियों को अपने बेटों के लिये लावे, और उनकी बेटियां जो आप अपने देवताओं के पीछे होने का व्यभिचार करती है तेरे बेटों से भी अपने देवताओं के पीछे होने को व्यभिचार करवाएं।
तुम देवताओं की मूत्तियां ढालकर न बना लेना। (निर्गमन 34:13-17)

तब वे उनकी बेटियां ब्याह में लेने लगे, और अपनी बेटियां उनके बेटों को ब्याह में देने लगे; और उनके देवताओं की भी उपासना करने लगे॥ (न्यायियों 3:6)

यहूदा ने विश्वासघात किया है, और इस्राएल में और यरूशलेम में घृणित काम किया गया है; क्योंकि यहूदा ने बिराने देवता की कन्या से विवाह कर के यहोवा के पवित्र स्थान को जो उसका प्रिय है, अपवित्र किया है। (मलाकी 2:11)

परन्तु राजा सुलैमान फ़िरौन की बेटी, और बहुतेरी और पराये स्त्रियों से, जो मोआबी, अम्मोनी, एदोमी, सीदोनी, और हित्ती थीं, प्रीति करने लगा।
वे उन जातियों की थीं, जिनके विषय में यहोवा ने इस्राएलियों से कहा था, कि तुम उनके मध्य में न जाना, और न वे तुम्हारे मध्य में आने पाएं, वे तुम्हारा मन अपने देवताओं की ओर नि:सन्देह फेरेंगी; उन्हीं की प्रीति में सुलैमान लिप्त हो गया।
और उसके सात सौ रानियां, और तीन सौ रखेलियां हो गई थीं और उसकी इन स्त्रियों ने उसका मन बहका दिया। सो जब सुलैमान बूढ़ा हुआ, तब उसकी स्त्रियों ने उसका मन पराये देवताओं की ओर बहका दिया, और उसका मन अपने पिता दाऊद की नाईं अपने परमेश्वर यहोवा पर पूरी रीति से लगा न रहा। (I राजा 11:1-4)

और अपनी सब पराये स्त्रियों के लिये भी जो अपने अपने देवताओं को धूप जलातीं और बलिदान करती थीं, उसने ऐसा ही किया।
तब यहोवा ने सुलैमान पर क्रोध किया, क्योंकि उसका मन इस्राएल के परमेश्वर यहोवा से फिर गया था जिसने दो बार उसको दर्शन दिया था। (I राजा 11:8-9)

इसलिये अब तू न तो अपनी बेठियां उनके बेटों को ब्याह देना और न उनकी बेटियों से अपने बेटों का ब्याह करना, और न कभी उनका कुशल क्षेम चाहना, इसलिये कि तुम बलवान बनो और उस देश के अच्छे अच्छे पदार्थ खाने पाओ, और उसे ऐसा छोड़ जाओ, कि वह तुम्हारे वंश के अधिकार में सदैव बना रहे। (एज्रा 9:12)

तो क्या हम तेरी आज्ञाओं को फिर से उल्लंघन कर के इन घिनौने काम करने वाले लोगों से समधियाना का सम्बन्ध करें? क्या तू हम पर यहां तक कोप न करेगा जिस से हम मिट जाएं और न तो कोई बचे और न कोई रह जाए? (एज्रा 9:14)

तब यहीएल का पुत्र शकन्याह जो एलाम के वंश में का था, एज्रा से कहने लगा, हम लोगों ने इस देश के लोगों में से अन्यजाति स्त्रियां ब्याह कर अपने परमेश्वर का विश्वासघात तो किया है, परन्तु इस दशा में भी इस्राएल के लिये आशा है।
अब हम अपने परमेश्वर से यह वाचा बान्धें, कि हम अपने प्रभु की सम्मति और अपने परमेश्वर की आज्ञा सुन कर थरथराने वालों की सम्मति के अनुसार ऐसी सब स्त्रियों को और उनके लड़के बालों को दूर करें; और व्यवस्था के अनुसार काम किया जाए। (एज्रा 10:2-3)

तब एज्रा याजक खड़ा हो कर उन से कहने लगा, तुम लोगों ने विश्वासघात कर के अन्यजाति-स्त्रियां ब्याह लीं, और इस से इस्राएल का दोष बढ़ गया है।
सो अब अपने पितरों के परमेश्वर यहोवा के साम्हने अपना पाप मान लो, और उसकी इच्छा पूरी करो, और इस देश के लोगों से और अन्यजाति स्त्रियों से न्यारे हो जाओ। (एज्रा 10:10-11)

अपने भाई रईसों से मिलकर शपथ खाई, कि हम परमेश्वर की उस व्यवस्था पर चलेंगे जो उसके दास मूसा के द्वारा दी गई है, और अपने प्रभु यहोवा की सब आज्ञाएं, नियम और विधियां मानने में चौकसी करेंगे।
और हम न तो अपनी बेटियां इस देश के लोगों को ब्याह देंगे, और न अपने बेटों के लिये उनकी बेटियां ब्याह लेंगे। (नहेमायाह 10:29-30)

तब मैं ने उन को डांटा और कोसा, और उन में से कितनों को पिटवा दिया और उनके बाल नुचवाए; और उन को परमेश्वर की यह शपथ खिलाई, कि हम अपनी बेटियां उनके बेटों के साथ ब्याह में न देंगे और न अपने लिये वा अपने बेटों के लिये उनकी बेटियां ब्याह में लेंगे।
क्या इस्राएल का राजा सुलैमान इसी प्रकार के पाप में न फंसा था? बहुतेरी जातियों में उसके तुल्य कोई राजा नहीं हुआ, और वह अपने परमेश्वर का प्रिय भी था, और परमेश्वर ने उसे सारे इस्राएल के ऊपर राजा नियुक्त किया; परन्तु उसको भी अन्यजाति स्त्रियों ने पाप में फंसाया
तो क्या हम तुम्हारी सुनकर, ऐसी बड़ी बुराई करें कि अन्यजाति की स्त्रियां ब्याह कर अपने परमेश्वर के विरुद्ध पाप करें? (नहेमायाह 13:25-27)

वे व्यभिचार के लड़के जने हैं; इस से उन्होंने यहोवा का विशवासघात किया है। इस कारण अब चांद उनका और उनके भागों के नाश का कारण होगा॥ (होशे 5:7)

और जिस स्त्री का पति विश्वास न रखता हो, और उसके साथ रहने से प्रसन्न हो; वह पति को न छोड़े।
क्योंकि ऐसा पति जो विश्वास न रखता हो, वह पत्नी के कारण पवित्र ठहरता है, और ऐसी पत्नी जो विश्वास नहीं रखती, पति के कारण पवित्र ठहरती है; नहीं तो तुम्हारे लड़केबाले अशुद्ध होते, परन्तु अब तो पवित्र हैं।
परन्तु जो पुरूष विश्वास नहीं रखता, यदि वह अलग हो, तो अलग होने दो, ऐसी दशा में कोई भाई या बहिन बन्धन में नहीं; परन्तु परमेश्वर ने तो हमें मेल मिलाप के लिये बुलाया है। (I कुरिन्थियों 7:13-15)

जब तक किसी स्त्री का पति जीवित रहता है, तब तक वह उस से बन्धी हुई है, परन्तु जब उसका पति मर जाए, तो जिस से चाहे विवाह कर सकती है, परन्तु केवल प्रभु में। (I कुरिन्थियों 7:39)

यहूदा ने विश्वासघात किया है, और इस्राएल में और यरूशलेम में घृणित काम किया गया है; क्योंकि यहूदा ने बिराने देवता की कन्या से विवाह कर के यहोवा के पवित्र स्थान को जो उसका प्रिय है, अपवित्र किया है। (मलाकी 2:11)

भाग IX: महिलाओं पर बाइबिल

इस पश्चिमी दुनिया में, महिलाओं को वह दर्जा मिला है जैसा कि बाइबिल में नहीं दर्शाया गया है| यह विरोधाभास वास्तव में भारत में देखने को मिलता है| यह एक अच्छा उदाहरण है जहाँ धार्मिक ग्रंथों की वास्तविक शिक्षा और इन ग्रंथों से लोग जो सीखते हैं उनमें अंतर दिखाई पड़ता है| अंतरजातीय विवाह में यह जानना बहुत महत्त्वपूर्ण है कि आपके होने वाले जीवनसाथी ने अपने धर्म ग्रंथों से क्या सीखा है?
बाइबिल का महिलाओं के बारे में यह कहना है:

सो मैं चाहता हूं, कि तुम यह जान लो, कि हर एक पुरूष का सिर मसीह है: और स्त्री का सिर पुरूष है: और मसीह का सिर परमेश्वर है। (I कुरिन्थियों 11:3)

हां पुरूष को अपना सिर ढांकना उचित नहीं, क्योंकि वह परमेश्वर का स्वरूप और महिमा है; परन्तु स्त्री पुरूष की महिमा! क्योंकि पुरूष स्त्री से नहीं हुआ, परन्तु स्त्री पुरूष से हुई है। और पुरूष स्त्री के लिये नहीं सिरजा गया, परन्तु स्त्री पुरूष के लिये सिरजी गई है। (I कुरिन्थियों 11:7-9)

स्त्रियां कलीसिया की सभा में चुप रहें, क्योंकि उन्हें बातें करने की आज्ञा नहीं, परन्तु आधीन रहने की आज्ञा है: जैसा व्यवस्था में लिखा भी है।
और यदि वे कुछ सीखना चाहें, तो घर में अपने अपने पति से पूछें, क्योंकि स्त्री का कलीसिया में बातें करना लज्ज़ा की बात है। (I कुरिन्थियों 14-34-35)

जब तू अपने शत्रुओं से युद्ध करने को जाए, और तेरा परमेश्वर यहोवा उन्हें तेरे हाथ में कर दे, और तू उन्हें बन्धुआ कर ले,
तब यदि तू बन्धुओं में किसी सुन्दर स्त्री को देखकर उस पर मोहित हो जाए, और उस से ब्याह कर लेना चाहे,
तो उसे अपने घर के भीतर ले आना, और वह अपना सिर मुंड़ाए, नाखून कटाए,
और अपने बन्धुआई के वस्त्र उतार के तेरे घर में महीने भर रहकर अपने माता पिता के लिये विलाप करती रहे; उसके बाद तू उसके पास जाना, और तू उसका पति और वह तेरी पत्नी बने
फिर यदि वह तुझ को अच्छी न लगे, तो जहां वह जाना चाहे वहां उसे जाने देना; उसको रूपया ले कर कहीं न बेचना, और तू ने जो उसकी पत-पानी ली, इस कारण उस से दासी का सा व्यवहार न करना॥ (व्यवस्थाविवरण 21:10-14)

भाग X: खतना के विषय में बाइबिल

यीशु के पिता और यीशु में छोटे लड़कों के खतनों (Circumcision) के बारे में अलग-अलग मत हैं|

मेरे साथ बान्धी हुई वाचा, जो तुझे और तेरे पश्चात तेरे वंश को पालनी पड़ेगी, सो यह है, कि तुम में से एक एक पुरूष का खतना हो।
तुम अपनी अपनी खलड़ी का खतना करा लेना; जो वाचा मेरे और तुम्हारे बीच में है, उसका यही चिन्ह होगा।
पीढ़ी पीढ़ी में केवल तेरे वंश ही के लोग नहीं पर जो तेरे घर में उत्पन्न हों, वा परदेशियों को रुपा देकर मोल लिये जाए, ऐसे सब पुरूष भी जब आठ दिन के हो जाए, तब उनका खतना किया जाए। (उत्पत्ति 17:10-12)

जो पुरूष खतनारहित रहे, अर्थात जिसकी खलड़ी का खतना न हो, वह प्राणी अपने लोगों मे से नाश किया जाए, क्योंकि उसने मेरे साथ बान्धी हुई वाचा को तोड़ दिया॥ (उत्पत्ति 17:14)

हे सिय्योन, जाग, जाग! अपना बल धारण कर; हे पवित्र नगर यरूशलेम, अपने शोभायमान वस्त्र पहिन ले; क्योंकि तेरे बीच खतनारहित और अशुद्ध लोग फिर कभी प्रवेश न करने पाएंगे। (यशायाह 52:1)

इसलिये परमेश्वर यहोवा यों कहता है, कि इस्राएलियों के बीच जितने अन्य लोग हों, जो मन और तन दोनों के खतनाहीन हैं, उन में से कोई मेरे पवित्र स्थान में न आने पाए। (यहेजकेल 44:9)

यदि तू व्यवस्था पर चले, तो खतने से लाभ तो है, परन्तु यदि तू व्यवस्था को न माने, तो तेरा खतना बिन खतना की दशा ठहरा
सो यदि खतना रहित मनुष्य व्यवस्था की विधियों को माना करे, तो क्या उस की बिन खतना की दशा खतने के बराबर न गिनी जाएगी?
और जो मनुष्य जाति के कारण बिन खतना रहा यदि वह व्यवस्था को पूरा करे, तो क्या तुझे जो लेख पाने और खतना किए जाने पर भी व्यवस्था को माना नहीं करता है, दोषी न ठहराएगा?
क्योंकि वह यहूदी नहीं, जो प्रगट में यहूदी है और न वह खतना है जो प्रगट में है, और देह में है।
पर यहूदी वही है, जो मन में है; और खतना वही है, जो हृदय का और आत्मा में है; न कि लेख का: ऐसे की प्रशंसा मनुष्यों की ओर से नहीं, परन्तु परमेश्वर की ओर से होती है॥ (रोमियो 2:25-29)

भाग XI: अविश्वासियों संग मित्रता पर बाइबिल

सच्चे दिल से बाइबिल को मानने वाला व्यक्ति किसी हिन्दू के साथ उसका धर्म परिवर्तन कराए बिना प्रेम-संबंध कैसे स्थापित क्यों करेगा? हालाँकि धर्म परिवर्तन का सचेत रूप से इरादा न भी हो तो भी ईसाई सिद्धांतों के अनुसार गैर ईसाई का धर्म परिवर्तन कराना अनिवार्य हो गया है|

क्या गरबा अभिशाप है?

तुम उनके देवताओं या उन लोगों में से किसी के साथ कोई समझौता नहीं करोगे। वे तेरे देश में रहने न पाएं, ऐसा न हो कि वे तुझ से मेरे विरुद्ध पाप कराएं; क्योंकि यदि तू उनके देवताओं की उपासना करे, तो यह तेरे लिये फंदा बनेगा॥ (निर्गमन 23:32-33)

और देश देश के जितने लोगों को तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे वश में कर देगा, तू उन सभों को सत्यानाश करना; उन पर तरस की दृष्टि न करना, और न उनके देवताओं की उपासना करना, नहीं तो तू फन्दे में फंस जाएगा। (व्यवस्थाविवरण 7:16)

परन्तु जो नगर इन लोगों के हैं, जिनका अधिकारी तेरा परमेश्वर यहोवा तुझ को ठहराने पर है, उन में से किसी प्राणी को जीवित न रख छोड़ना, परन्तु उन को अवश्य सत्यानाश करना, अर्थात हित्तियों, एमोरियों, कनानियों, परिज्जियों, हिव्वियों, और यबूसियों, जैसे कि तेरे परमेश्वर यहोवा ने तुझे आज्ञा दी है; (व्यवस्थाविवरण 20:16-17)

अविश्वासियों के साथ असमान जूए में न जुतो, क्योंकि धामिर्कता और अधर्म का क्या मेल जोल? या ज्योति और अन्धकार की क्या संगति? और मसीह का बलियाल के साथ क्या लगाव? या विश्वासी के साथ अविश्वासी का क्या नाता? (II कुरिन्थियों 6:14-16)

तो, हे मेरे पुत्र तू उनके संग मार्ग में न चलना, वरन उनकी डगर में पांव भी न धरना (नीतिवचन 1:15)

मेरा कहना यह है; कि यदि कोई भाई कहला कर, व्यभिचारी, या लोभी, या मूर्तिपूजक, या गाली देने वाला, या पियक्कड़, या अन्धेर करने वाला हो, तो उस की संगति मत करना; वरन ऐसे मनुष्य के साथ खाना भी न खाना। ( कुरिन्थियों 5:11)

हे भाइयों, हम तुम्हें अपने प्रभु यीशु मसीह के नाम से आज्ञा देते हैं; कि हर एक ऐसे भाई से अलग रहो, जो अनुचित चाल चलता, और जो शिक्षा उस ने हम से पाई उसके अनुसार नहीं करता। (II थिस्सलुनीकियों 3:6)

यदि कोई तुम्हारे पास आए, और यही शिक्षा (Biblical doctrine) न दे, उसे न तो घर मे आने दो, और न नमस्कार करो। (II यूहन्ना 1:10)

भाग XII: पशु बलि पर बाइबिल

यदि आप शाकाहारी या पशु-प्रेमी हैं तब आप निश्चित रूप से बाइबिल के इस इतिहास का समर्थन नहीं करना चाहेंगे|

सब चलने वाले जन्तु तुम्हारा आहार होंगे; जैसा तुम को हरे हरे छोटे पेड़ दिए थे, वैसा ही अब सब कुछ देता हूं। (उत्पत्ति 9:3)

हारून और उसके पुत्रों से यह कह, कि पापबलि की व्यवस्था यह है; अर्थात जिस स्थान में होमबलिपशु वध किया जाता है उसी में पापबलिपशु भी यहोवा के सम्मुख बलि किया जाए; वह परमपवित्र है। (लैव्यव्यवस्था 6:25)

और जो पशु सुलैमान ने मेलबलि में यहोवा को चढ़ाए, सो बाईस हजार बैल और एक लाख बीस हजार भेड़ें थीं। इस रीति राजा ने सब इस्राएलियों समेत यहोवा के भवन की प्रतिष्ठा की। और राजा सुलैमान ने बाईस हजार बैल और एक लाख बीस हजार भेड़-बकरियां चढ़ाई। यों पूरी प्रजा समेत राजा ने यहोवा के भवन की प्रतिष्ठा की। (I राजा 8:63; II इतिहास 7:5)

और उसी समय उन्होंने उस लूट में से जो वे ले आए थे, सात सौ बैल और सात हजार भेड़-बकरियां, यहोवा को बलि कर के चढ़ाई। और उन्होंने वाचा बान्धी कि हम अपने पूरे मन और सारे जीव से अपने पूर्वजों के परमेश्वर यहोवा की खोज करेंगे। (II इतिहास 15:11-12)

जो होमबलि पशु मण्डली के लोग ले आए, उनकी गिनती यह थी; सत्तर बैल, एक सौ मेढ़े, और दो सौ भेड़ के बच्चे; थे सब यहोवा के निमित्त होमबलि के काम में आए। और पवित्र किए हुए पशु, छ: सौ बैल और तीन हजार भेड़-बकरियां थी। (II इतिहास 29:32-33)

मैं तुझे मोटे पशुओं के होमबलि, मेंढ़ों की चर्बी के धूप समेत चढ़ऊंगा; मैं बकरों समेत बैल चढ़ाऊंगा॥ (भजन संहिता 66:15)

अर्थात लेवीय याजक लोग, जो सादोक की सन्तान हैं, और मेरी सेवा टहल करने को मेरे समीप रहते हैं, उन्हें तू पापबलि के लिये एक बछड़ा देना, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है। तब तू उसके लोहू में से कुछ ले कर वेदी के चारों सींगों और कुसीं के चारों कोनों और चारों ओर की पटरी पर लगाना; इस प्रकार से उसके लिये प्रायश्चित्त करने के द्वारा उसको पवित्र करना। तब पापबलि के बछड़े को ले कर, भवन के पवित्रस्थान के बाहर ठहराए हुए स्थान में जला देना। और दूसरे दिन एक निर्दोष बकरा पापबलि कर के चढ़ाना; और जैसे बछड़े के द्वारा वेदी पवित्र की जाए, वैसे ही वह इस बकरे के द्वारा भी पवित्र की जाएगी।
जब तू उसे पवित्र कर चूके, तब एक निर्दोष बछड़ा और एक निर्दोष मेढ़ा चढ़ाना। तू उन्हें यहोवा के साम्हने ले आना, और याजक लोग उन पर लोन डाल कर उन्हें यहोवा को होमबलि कर के चढ़ाएं। सात दिन तक तू प्रति दिन पापबलि के लिये एक बकरा तैयार करना, और निर्दोष बछड़ा और भेड़ों में से निर्दोष मेढ़ा भी तैयार किया जाए। (यहेजकेल 43:19-25)

क्योंकि एक को विश्वास है, कि सब कुछ खाना उचित है, परन्तु जो (vegetarian) विश्वास में निर्बल है, वह साग पात ही खाता है। (रोमियो 14:2)

और यदि कोई इस भविष्यद्वाणी की पुस्तक की बातों में से कुछ निकाल डाले, तो परमेश्वर उस जीवन के पेड़ और पवित्र नगर में से जिस की चर्चा इस पुस्तक में है, उसका भाग निकाल देगा॥ (प्रकाशित वाक्य 22:19)


More information: Bible on Hindus – English Version, हिंदुओं-के-लिए-कुरान-koran-hindus, Interfaith marriage with equality, Hindu-Christian Marriage, Bible on Hindus? Christian-Hindu relationships, Marriage & Divorce laws.
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